वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अपने ऑस्ट्रेलियाई और जापानी समक्षकों के साथ क्वाड नेताओं के पहले व्यक्तिगत शिखर सम्मेलन में शामिल हुए जिसकी मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने की। इस दौरान जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 महामारी और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की चुनौतियों के मुद्दे पर चर्चा होने की उम्मीद है। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य दखल के बीच यह चर्चा होगी।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने की रणनीति के तहत नवंबर 2017 में क्वाड का गठन किया गया था जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। अपने शुरुआती संबोधन में जो बाइडन ने कहा कि कोविड से लेकर जलवायु संबंधी साझा चुनौतियों से निपटने के लिए दुनिया के चार लोकतंत्र एक-साथ आए हैं।
दुनिया की ताकत के रूप में काम करेगा क्वाड
प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन के दौरान कहा, ‘‘मुझे भरोसा है कि हमारे सहयोग से दुनिया और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति स्थापित होगी और समृद्धि आएगी। मेरा पूरा विश्वास है कि हमारा क्वाड गठबंधन दुनिया की बेहतरी के लिए एक ताकत के रूप में काम करेगा। हम वर्ष 2004 की सुनामी के उपरांत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग के लिए पहली बार साथ आए हैं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज, जब दुनिया कोविड-19 के खिलाफ लड़ रही हैं, हम क्वाड के हिस्से के तौर पर एक बार फिर मानवता के लिए साथ आए हैं। हमारी क्वाड टीका पहल बृहद तौर पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों की मदद करेगी।’’