छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने छिंदवाड़ा जिले में कम से कम 23 व्यक्तियों के कथित रूप से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर निर्माण श्रमिकों हेतु संचालित कल्याणकारी योजना से 46 लाख रुपये लिए जाने के मामले में जांच के निर्देश दिये हैं। पटेल ने एक बयान में कहा कि छिंदवाड़ा जिले के बौहनाखैरी गांव में 23 व्यक्तियों के फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र बनने संबंधी प्रकरण को गंभीरता से लिया गया है। छिंदवाड़ा के जिलाधिकारी को मामले की विस्तृत जांच कराने और दोषियों के विरुद्ध दण्डात्मक कार्रवाई के साथ पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि 23 व्यक्तियों का फर्जी तरीके से मृत्यु प्रमाण पत्र बनना और उनके नाम पर राशि का आहरण करना बेहद चिंताजनक है। समाचार पत्रों का हवाला देते हुए अधिकारियों ने बताया कि बौहनाखैरी गांव में 23 लोगों के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के जरिए दो-दो लाख रुपये की राशि निकाली गई।
मजदूरों को दी जाती है राशि
इस योजना के तहत मृतक निर्माण मजदूर के आश्रित को दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाती है। छिंदवाड़ा जिले के उप डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अतुल सिंह ने बताया कि तहसीलदार से इस मामले की जांच करवाई जा रही है मामले में जिले या पंचायत का कोई भी अधिकारी लिप्त पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) सी एल मरावी ने कहा कि यह मामला संज्ञान में आया है। इसकी गंभीरता से जांच की जा रही है। जांच में जो कोई भी दोषी पाया जाता है, उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में श्रमिक विनोद पाल ने बताया कि मैं जिन्दा हूं और मुझे मृत दिखाकर किसी ने दो लाख रुपये निकाल लिए हैं। अधिकारियों के अनुसार बौहनाखैरी गांव की आबादी 2800 लोगों की है। पिछले दो वर्षों में 106 लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हुए हैं।