सागर। प्रदेश के सागर जिले के रहने वाले प्रहलाद पिछले 23 सालों से पाकिस्तान की जेल में बंद है। अब प्रहलाद को वाघा बॉर्डर के जरिए भारत भेजा जा रहा है। प्रहलाद के आने की खबर से उसके गांव में खुशी का माहौल है। सागर जिले के गांव घोसी पट्टी के रहने वाले प्रहलाद पिछले 23 सालों से पाकिस्तान की जेल में बंद थे। अब प्रहलाद को वापस भेजा जा रहा है। प्रहलाद अब 56 साल के हो गए हैं। प्रहलाद के घर वापस आने की खबर के बाद उसके घर में जश्न का माहौल है। परिजन अमृतसर तक प्रहलाद को लेने जाएंगे। यहां अटारी-वाघा बॉर्डर पर प्रहलाद को भारतीय सीमा में भेज दिया जाएगा। यहां से प्रहलाद के परिजन उसे लेने जाएंगे। बता दें कि प्रहलाद साल 1998 में घर से अचानक लापता हो गया था।
जानकारी के मुताबिक वह मानसिक रूप से कमजोर था। जब प्रहलाद घर में नहीं मिला तो घरवालों ने उसकी तलाश शुरू कर दी। लंबे समय की खोज के बाद भी जब प्रहलाद की जानकारी नहीं मिली तो घरवाले परेशान रहने लगे। इसके कुछ दिनों बाद परिजनों को जानकारी मिली कि प्रहलाद गलती से पाकिस्तान की सीमा में पहुंच गया है। इसके बाद पाकिस्तान पुलिस ने उसे जेल में बंद कर दिया है। तभी से प्रहलाद लगातार जेल में अपना समय काट रहे थे। सागर पुलिस को मामले की जानकारी मिलने के बाद उसे वापस अपने वतन लौटने के प्रयास शुरू किए थे। अब प्रहलाद 23 साल बाद अपने गांव वापस लौट रहा है।
घर में जश्न का माहौल…
प्रहलाद अपने 9 भाई-बहनों में चौथे नंबर के हैं। उसके छोटे भाई वीरसिंह ने मीडिया को बताया कि साल 1998 में मेरे भाई लापता हो गए थे। हमने तत्काल खोज भी शुरू की थी। वे मानसिक रूप से थोड़े कमजोर थे। हमें लंबे समय तक उनका पता नहीं चला। हमारे तमाम प्रयास भी विफल रहे। इसके बाद साल 2014 में पुलिस हमारे घर आई और प्रहलाद के बारे में जानकारी मांगी। इसी साल हमें जानकारी मिली कि प्रहलाद गलती से पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे और वहां की जेल में बंद हैं। इसके बाद घरवालों ने प्रहलाद की वापसी के प्रयास के लिए आवेदन देना शुरू किया। अधिकारियों से मुलाकात और कड़ी मशक्कत के बाद प्रहलाद घर वापस आ रहा है। करीब 23 साल बाद प्रहलाद के घर लौटने की खबर से घर में जश्न का माहौल है।