इंदौर। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारी कर्ज के बोझ से दबी सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के विनिवेश की प्रक्रिया पटरी पर है और 15 सितंबर तक इसके लिए वित्तीय बोलियां आने की सूरत में अगला कदम उठाया जाएगा।
सिंधिया ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘एयर इंडिया के विनिवेश के लिए हमारी प्रक्रिया पटरी पर है। इसके लिए 15 सितंबर तक वित्तीय बोलियां आ जानी चाहिए। इन बोलियों के आने के बाद अगला कदम उठाया जाएगा।’
नागरिक उड्डयन मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार देश में ड्रोन उड़ाने के नियम लागू करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने बताया, ‘हमने रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय से चर्चा कर ड्रोन परिचालन के नियम बना दिए हैं। सुरक्षा की दृष्टि से हम ड्रोन परिचालन के लिए देश को लाल, हरे और पीले क्षेत्रों में बांटेंगे।’
सिंधिया ने बताया कि विमानों की तरह देश भर में ड्रोन का उड़ान पथ तय किया जाएगा और एक सॉफ्टवेयर के आधार पर लोगों को तय क्षेत्र में ड्रोन उड़ाने के लिए आसानी से अनुमति दी जाएगी। उन्होंने बताया, ‘वाहनों की तरह ड्रोन का भी पंजीकरण किया जाएगा और ड्रोन उड़ाने वाले लोगों को लाइसेंस दिया जाएगा।’
नागरिक उड्डयन मंत्री ने बताया कि ‘उड़ान’ योजना के तहत देश में हवाई सेवाओं का ‘लोकतंत्रीकरण’ किया जा रहा है और वर्ष 2025 तक 1,000 नये हवाई मार्ग तथा 100 नये हवाई अड्डे तैयार करने के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में काम जारी है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में पिछले महीने शामिल किए गए सिंधिया ने बताया कि उनके गृहराज्य मध्य प्रदेश के इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और खजुराहो के हवाई अड्डों से परिवहन में लगातार इजाफा हो रहा है और इन हवाई अड्डों के जरिये एक सितंबर से हर हफ्ते कुल उड़ानों की संख्या 424 से बढ़कर 738 होने जा रही है।
उन्होंने बताया कि इंदौर के देवी अहिल्याबाई होल्कर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से बड़े विमानों के परिचालन के लिए इसके विस्तार की योजना बनाई गई है और इस सिलसिले में प्रदेश सरकार से 2,300 एकड़ जमीन की मांग की गई है।
एयर इंडिया की इंदौर-दुबई उड़ान कोविड-19 के प्रकोप के बाद से बंद पड़ी है। इस बारे में पूछे जाने पर नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा, ‘भारत और संयुक्त अरब अमीरात की सरकारों की मंजूरी मिलते ही हम इस उड़ान को बहाल करेंगे।’