भोपाल। बारिश के इस मौसम में बिजली संकट पहले से ही मंजराता रहता है। वहीं अब बिजली कर्मचारियों और अधिकारियों के हड़ताल पर जाने के बाद संकट गहरा हो गया है। प्रदेश के बिजली कर्मचारियों और अधिकारियों ने आज से हड़ताल शुरू कर दी है। इतना ही नहीं कर्मचारियों ने रात 12 बजे के बाद से अपने फोन भी बंद कर दिए हैं। बिजली विभाग के कर्मचारी और अधिकारी इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2021 का विरोध कर रहे हैं। इसकी बिल को लेकर कर्मचारी आज से एक दिन की हड़ताल पर गए हैं।
हालांकि इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी। इसके अलावा प्रदेशभर के बिजली कर्मचारी और अधिकारी इस बिल के विरोध में हड़ताल कर रहे हैं। इस हड़ताल में 25 हजार नियमित कर्मचारी, 6 हजार संविदा कर्मचारी और 35 हजार बिजली आउटसोर्स कर्मचारी शामिल हैं। इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2021 के तहत बिजली को निजी कंपनी में भेजने को लेकर विरोध कर रहे हैं। अब अधिकारियों और कर्मचारियों की हड़ताल से प्रदेश के अंधेरे में डूबने का खतरा मंडरा रहा है। बता दें कि राजधानी में बिजली कार्यालय में पहले भी कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन कर काम बंद कर दिया था।
फिर हड़ताल पर गए कर्मचारी
अब आज फिर कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। बिजली संगठनों का कहना है बिल पूरी तरह से निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने और गरीब, सामान्य बिजली उपभोक्ताओं पर कुठाराघात होगा। बिजली कर्मचारियों और इंजीनियर्स की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉइज एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईई) के अगुवाई में करीब 15 लाख कर्मचारी इस बिल के विरोध में उतर आए हैं। अगर यह हड़ताल जारी रहेगी तो प्रदेश में अंधेरा छाने का खतरा बना हुआ है।
दरअसल बिजली विभाग के कर्मचारी बिजली वितरण (Power Distribution) व्यवस्था निजी हाथों में सौंपे जाने का विरोध कर रहे हैं। इसको लेकर कर्मचारी पहले भी प्रदर्शन कर चुके हैं। साथ ही बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी है। इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 से बिजली वितरण व्यवस्था निजी हाथों में सौंपे जाने के प्रस्ताव का विरोध किया जा रहा है। दरअसल इलेक्ट्रिसिटी बिल विधानसभा के मॉनसून सत्र में लाया जाना है। इस बिल का विरोध कर रहे बिजली संगठनों ने कहा कि बिल पूरी तरह से निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने और गरीब, सामान्य बिजली उपभोक्ताओं पर कुठाराघात होगा।