नई दिल्ली। रविवार को हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी। Hariyali Amavasya 8 August 2021 वैसे तो हिन्दू मान्यता अनुसार हरियाली अमावस्या पर दान का अपना महत्व है। साथ ही इस दिन पेड़—पौधे लगाने की अपनी परंपरा है। इस दिन को हम हरियाली के साथ जोड़कर यादगार बना सकते हैं। तो आइए हम आपको कुछ ऐसे पौधों के बारे में बताते हैं जिनका आयुर्वेद में अपना अलग औषधीय महत्व है।
इस पर्व पर घर के गमलों में औषधीय पौधें भी लगा सकते हैं। जिनके उपयोग से बीमारियों के संक्रमण से बचा जा सकता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले इन पौधों में गिलोय, तुलसी और अदरक सहित 10 पौधे शामिल हैं। इनका जिक्र न केवल आयुर्वेद में बल्कि कई धर्म ग्रंथों में भी हुआ है। कई बीमारियों के उपचार के लिए बनाई जाने वाली दवाओं में इनका इस्तेमाल किया जाता है।
कौन से पौधे लगाए जा सकते हैं
घर में गिलोय, तुलसी, आंवला, पुदीना, कढ़ी पत्ता, अदरक, पत्थर चट्टा, एलोवेरा, हल्दी, शतावर, लहसुन, मेथी, अजवाइन और तेजपत्ता लगाया जा सकता है। ये औषधियां बीमारियों से लड़ने की ताकत तो बढ़ाती ही है साथ ही इनमें से कुछ रोजमर्रा के मसालों में भी इस्तेमाल की जा सकती है।
ये हैं इनके फायदें —
आंवला:
इसमें विटामिन सी काफी मात्रा में पाया जाता है। जो नेत्र संबंधी रोगों के लिए फायदेमंद होता है। आंवले के इस्तेमाल से बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है।
अदरक:
इसे एंटीबेक्टिरियल गुणों से युक्त माना जाता है। यह कब्ज व जुकाम की शिकायत को दूर करता है। शहद के साथ खाने से खांसी व गले के रोग भी दूर होते हैं।
एलोवेरा:
इसमें एमीनो एसिड और विटामिन्स होते हैं। जिससे रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता बढ़ती है। मधुमेह व पेट संबंधी बीमारियों में इस्तेमाल होता है।
हल्दी:
हल्दी एंटीसेप्टिक और एंटीबेक्टिरियल मानी जाती है। दूध के साथ इसका सेवन करने से वात संबंधी रोग, जोड़ों का दर्द खत्म होता है। मुंह की दुर्गंध को दूर करने में फायदेमंद साबित होता है।
गिलोय:
इसे एंटीऑक्सीडेंट्स के रूप में जाना जाता है। इसका इस्तेमाल बुखार, वात-पित्त व कफ दूर करने के लिए किया जाता है।
पत्थर चट्टा:
यह किडनी से जुड़े रोगों को दूर करता है। अल्सर व पेट में कीड़े पड़ने जैसी बीमारियों में भी इसके पत्तों का रस पीना लाभकारी होता है।
कढ़ी पत्ता:
ये शरीर में विषाक्त पदार्थों को हानि पहुंचाने से रोकता है। इसमें कोलेस्ट्रॉल कम करने की शक्ति होती है।
तुलसी:
इसके पत्ते व बीज का सेवन लोग सर्दी, खांसी व बुखार को दूर करने के लिए करते हैं। चबाने पर यह सबसे अधिक फायदेमंद होती है।
पुदीना:
पुदीने के रस से कब्ज और पेट में गैस बनने संबंधी बीमारियां दूर होती हैं। इसके पानी से गरारे करने से दांतों और गले के कीटाणु नष्ट होते हैं।