नई दिल्ली। भारत अब 21वीं सदी में टेक्नोलॉजी को तेजी से अपना रहा है। अब भारतीय रेलवे भी स्मार्टनेस की तरफ बढ़ता जा रहा है। अब आने वाले दिनों में माल गाड़ियों पर गार्ड नजर नहीं आएंगे। रेलवे यह व्यवस्था समाप्त करने जा रहा है। अब माल गाड़ियों का संचालन बगैर गार्ड के ऑटोमेटिक सिस्टम “एंड ऑफ ट्रेन दिल्ली मेट्री” से किया जाएगा। इस प्रणाली का सफल प्रयोग उत्तर मध्य रेलवे केजीसी जीएमसी कानपुर यार्ड से टूंडला के बीच किया गयाय़ इस प्रयोग के बाद 900 डिवाइस तैयार करने का ऑर्डर बनारस लोकोमोटिव वर्कशॉप को दिया गया है। इस डिवाइस को उत्तर मध्य रेलवे के झांसी-प्रयागराज आगरा मंडल से संचालित माल गाड़ियों में लगाया जाएगा। रेलवे को सबसे अधिक राजस्व देने वाली माल गाड़ियों के रूप से संचालन में गार्ड की भूमिका रहती है।
मालगाड़ी के पीछे लगने वाले ब्रेक में मौजूद गार्ड को संचालन के गतिरोध पर नजर रखनी पड़ती है, हर स्टेशन पर सिग्नल एक्सचेंज करना पड़ता है, बैग में कोई गड़बड़ी देखने पर ड्राइवर को सूचित करने के बाद हैंड ब्रेक लगाकर गाड़ी की गति को धीमा करने के साथ खतरा मापने, लूप लाइन में मालगाड़ी को खड़ा करते वक्त कोई डब्बा दूसरी लाइन पर तो नहीं है इसका ध्यान रखना होता है। वहीं दूसरी लाइन से गुजर रही ट्रेन का ध्यान भी रखना होता था। मगर बनारस रेल इंजन कारखाना आरडीएसओ और लखनऊ रिजल्ट डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन ने एक आधुनिक उपकरण ओटीटी एंड ऑफ ट्रेन टेलिमेट्री तैयार की है। इसकी मदद बिना कार्ड के ही मालगाड़ी का संचालन किया जा सकेगा। ब्रेक की आवश्यकता खत्म हो जाएगी। यह सिस्टम जीपीएस सिस्टम पर आधारित है। जिसके दोनों यूनिट रेडियो ट्रांसमीटर के जरिए एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। दोनों गाड़ियों के बीच ग्लोबल सिस्टम पर कम्यूनिकेशन संपन्न होता है।
ट्रेन में अब नहीं मिलेगा वाइफाइ
रेल यात्रियों के लिए एक जरूरी खबर है। ट्रेन यात्रा के दौरान मिलने वाली एक बड़ी सुविधा बंद होने जा रही है। भारत सरकार पिछले कुछ सालों से यात्रियों को ट्रेन में और रेलवे स्टेशनों में वाईफाई उपलब्ध करा रही है। देश के सभी रेलवे स्टेशनों पर वाईफाई कनेक्टिविटी की सुविधा देने के बाद सरकार ने घोषणा की थी कि वह देश भर में चलने वाली ट्रेनों में मुफ्त मुफ्त वाईफाई प्रदान करेगी। साल 2019 में पूर्व रेल मंत्री पीयूष गोयल ने घोषणा की थी कि केंद्र साढ़े 4 सालों के भीतर ट्रेनों में वाइफाइ प्रदान करने की योजना बना रहा है। अब इस प्रोजेक्ट को रोक दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रेलवे ने ट्रेनों में मिलने वाली इंटरनेट की सुविधा को बंद कर दिया गया है। क्योंकि यह लागत कॉस्ट इफेक्टिव नहीं थी। सरकार ने संसद में उसकी पुष्टि की है। लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव जवाब देते हुए कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत सरकार ने हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन में सेटेलाइट कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के जरिए करना होता था। जिसमें लागत ज्यादा थी और यात्रियों को सुविधा कम। इसलिए इस सुविधा को रोक दिया गया है। अब यह योजना रोक दी गई है।