नई दिल्ली। कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन में लोग जहां अपने घरों में कैद थे। उस समय डिजिटल लेन-देन ने उनकी जिंदगी काफी आसान बनाई है। इसी वजय से वर्ष 2020 से 2021 तक डिजिटल लेन-देन यूपीआई में काफी वद्धि देखी गई है। आज हर कोई पैसों के लेन-देन के लिए यूपीआई का ही प्रयोग कर रहा है। इतना ही कई देशों ने भारत के इस अनुभव से सीखने की इच्छा भी जताई है। ताकि वह भी इस डिजिटल लेन-देन के मॉडल को अपना सकें।
कई देश हुए प्रभावित
भारत में डिजिटल लेन-देन में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए कई देश प्रभावित हो रहे हैं। वित्तीय सेवा सचिव देवाशीष पांडा ने कहा कि कई देशों ने भारत के इस अनुभव से सीखने की इच्छा जतायी है ताकि वह भी अपने देश में इस मॉडल को अपना सकें। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि भारत में कोरोना महामारी के दौरान सबसे ज्यादा डिजिटल साधनों का उपयोग किया गया है।
जिसके बाद से डिजिटल लेन-देन में अप्रत्याशित वृद्धि हुई। कोरोना महामारी के दौरान 41 लाख करोड़ रुपये के 22 करोड़ से अधिक यूपीआई वित्तीय के लेन देन दर्ज किए गए है। वहीं देवाशीष पांडा ने कहा कि भारत के इस अनुभव से कई देश प्ररित हो रहे है वह भी इस मॉडल को अपनाना चाहते हैं।