भोपाल। प्रदेश में कोरोना महामारी का असर शिक्षण सत्र पर पड़ा है। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए स्कूलों को लगातार बंद रखा जा रहा है। हालांकि छात्रों की अभी ऑनलाइन कक्षाएं जारी हैं। अब प्रदेश में 12 जुलाई से निजी स्कूलों द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन क्लासेस बंद हो सकती हैं। इसकी वजह निजी स्कूलों अपनी मांगों को लेकर विरोध है। दरअसल निजी स्कूल सरकार से अपनी मांगों को लेकर अड़े हैं। साथ ही निजी स्कूलों के संगठन ने चेतावनी है कि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो अनिश्चितकाल तक निजी स्कूलों को बंद कर दिया जाएगा।
स्कूलों के बंद होने के बाद से ऑनलाइन क्लासेस भी नहीं लगाई जाएंगी। इससे छात्रों की बढ़ाई का काफी नुकसान हो सकता है। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने इसको लेकर 12 जुलाई की समय दिया है। 12 जुलाई के बाद से प्रदेश के निजी स्कूलों द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन कक्षाओं को बंद किया जा सकता है। प्राइवेट स्कूल एशोसिएशन CBSE, ICSE और एमपी बोर्ड से सम्बंधित लगभग 20,000 से ज्यादा निजि विद्यालयों का प्रतिनिधित्व करता है। इस संगठन की निजी स्कूलों को लेकर कुछ मांगें हैं।
ये हैं मांगे…
दरअसल प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने सरकार के सामने अपनी मांगें रखी हैं। सबसे पहले तो कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के कारण स्कूलों को बंद रखे जाने का फैसले का विरोध इस संगठन द्वारा किया जा रहा है। एसोसिएशन ने मांग की है कि स्कूलों को खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए। प्रदेश के सभी निजी स्कूलों के लिए आर्थिक पैकेज देने की भी मांग की जा रही है। स्कूलों में चल रहे वाहनों का रोड टैक्स एवं परमिट शुल्क वर्ष 20-21 एवं 21-22 के लिए माफ किया जाना चाहिए। साथ ही भू व्यपवर्तन कर और संपत्ति करों को भी माफ किया जाना चाहिए। वहीं निजी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे बच्चों के अभिभावकों के फीस भरने के आदेश जारी किए जाएं। बता दें कि प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर सरकार को कहा है कि उनकी मांगें पूरी करनी चाहिए।