नई दिल्ली। (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट परियोजना में कथित अनियमितताओं के संबंध में एक नया मामला दर्ज किया है। उत्तर प्रदेश में पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान परियोजना संचालित हुई थी। राज्य में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद सोमवार को कई राज्यों में करीब 43 जगहों पर व्यापक तलाशी अभियान चलाया। उन्होंने कहा कि सुबह शुरू हुआ तलाशी अभियान अभी चल रहा है और आज जारी रह सकता है।
CBI conducts multiple raids in UP's Ghaziabad, Lucknow, Agra, in connection with Uttar Pradesh’s Gomti riverfront project with worth around Rs1,400 crores. Earlier CBI had registered a case against public servants and unknown persons in this regard.
— ANI (@ANI) July 5, 2021
अधिकारियों के मुताबिक, प्राथमिकी में करीब 180 अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है जिनमें बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश सरकार के अभियंता तथा अन्य अधिकारी शामिल हैं। सीबीआई ने उक्त परियोजना के सिलसिले में यह दूसरी प्राथमिकी दर्ज की है। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं जिनमें अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी और मायावती की अगुवाई में बहुजन समाज पार्टी के साथ ही कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी को राज्य की सत्ता से हटाने की कोशिश करेंगे।
क्या हैं आरोप
गोमती रिवर फ्रंट के निर्माण कार्य से जुड़े इंजीनियरों पर कई गंभीर आरोप हैं. इंजीनियरों पर दागी कंपनियों को काम देने, विदेशों से महंगा सामान खरीदने, चैनलाइजेशन के कार्य में घोटाला करने, नेताओं और अधिकारियों के विदेश दौरे में फिजूलखर्ची करने सहित वित्तीय लेन-देन में घोटाला करने और नक्शे के अनुसार कार्य नहीं कराने का आरोप है।