नई दिल्ली। (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ आयोध्या विकास परियोजना की समीक्षा की और कहा कि राम की इस नगरी को आध्यात्मिक और वैश्विक पर्यटन केंद्र के साथ ही एक टिकाऊ स्मार्ट शहर के रूप में विकसित करना है।वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुई इस समीक्षा बैठक में उत्तर प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा के अलावा उत्तर प्रदेश सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
Prime Minister Narendra Modi chairs review meeting on Ayodhya Development plan via video conferencing
Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath is also present in the meeting pic.twitter.com/JltkWIxHXn
— ANI (@ANI) June 26, 2021
योजनाओं को जमीन पर लाने के लिए रणनीति पर चर्चा
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि बैठक में अयोध्या के विकास से जुड़ी परियोजना के विभन्न पहलुओं पर उत्तर प्रदेश के अधिकारियों की ओर से एक प्रस्तुती दी गई। बयान में कहा गया कि अयोध्या के विकास की कल्पना में एक अध्यात्मिक केंद्र, वैश्विक पर्यटन केंद्र और टिकाऊ स्मार्ट सिटी विकसित करना है। बैठक में प्रधानमंत्री को अयोध्या के संपर्क को बेहतर करने से संबंधित ढांचागत विकास से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं से अवगत कराया गया। इस दौरान हवाई अड्डे के विकास से जुड़ी परियोजनाओं, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, सड़कों और राजमार्गों के विकास से संबंधित योजनाओं पर चर्चा की गई।
मीटिंग में ये लोग भी हैं शामिल
मीटिग में पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन शामिल हैं। इसके अलावा अधिकारियों में मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर सचिव गृह एवं पर्यटन अवनीश अवस्थी, प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार, अयोध्या मंडल के आयुक्त एमपी अग्रवाल, हाउसिंग बोर्ड के कमिश्नर अजय चौहान, अयोध्या के जिला अधिकारी अनुज कुमार झा और अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह भी शामिल हैं।
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बैठक के दौरान एक हरित उपनगर बसाने को लेकर भी चर्चा की गई ताकि यहां दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आश्रम, होटल और विभिन्न राज्यों के भवनों की सुविधा उपलब्ध हो। एक आधुनिक पर्यटन सुविधा केंद्र और वैश्विक स्तर का एक संग्रहालय बनाए जाने को लेकर बैठक में चर्चा की गई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि अयोध्या हर भारतीय की सांस्कृतिक चेतना का शहर है इसलिए वहां की परियोजनाओं में उत्कृष्ट परंपरा और सर्वाश्रेष्ठ विकासात्मक बदलाव का प्रदर्शन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयोध्या के मानवीय लोकाचार भविष्य के बुनियादी ढांचों से मिलते जुलते होने चाहिए। उन्होंने अयोध्या की पहचान का जश्न मनाने, नवीन तरीकों से इसकी सांस्कृतिक जीवंतता को बनाए रखने के लिए सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया।