नई दिल्ली। वैक्सीनेशन को लेकर कई लोग असमंजस की स्थिति में रहते हैं कि कौन सा टीका लगवाएं। कोविशील्ड या कोवैक्सीन, ज्यादा कौन असरदार है? अब इस सवाल का जवाब मिल गया है। एक नए स्टडी में खुलासा हुआ है कि कोविशील्ड, कोवैक्सीन के मुकाबले ज्यादा असरदार है। इंसानी शरीर में कोविशील्ड ज्यादा एंटी बॉडीज का निर्माण करती है। इस शोध को कोरोना वायरस इंड्यूस्ड एंटी बॉजीज टीट्रे यानी ‘कोवेट’ ने की है।
शोध में हैल्थ वर्सर्स को शामिल किया गया था
शोध के लिए उन हैल्थ वर्कर्स को शामिल किया गया था जिन्होंने कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दोनों खुराक ली थीं। स्टडी के दौरान ये बात समाने आई कि जिन हैल्थ वर्कर्स ने कोवैक्सीन का डोज लिया था, उनकी तुलना में कोविशील्ड की डोज लेने वाले हैल्थ वर्कर्स के शरीर में एंटीबॉडी का स्तर अधिक होता है। हालांकि, ‘कोवेट’ ने यह भी स्पष्ट किया है कि दोनों टीके कोरोना वायरस से बचाव में कारगर हैं। यह सिर्फ एक तुलनात्मक अध्ययन है।
दोनों वैक्सीन कोरोना के खिलाफ कारगर
इस रिसर्च में 552 स्वास्थयकर्मियों को शामिल किया गया था। इसमें 325 पुरूष और 227 महिलाएं थीं। 552 लोगों में से 456 लोगों ने कोविशील्ड और 96 लोगों ने कोवैक्सीन की पहली खुराक ली थी। इनमें से करीब 79 फीसदी लोगों में सीरो पॉजीटिव होने का पता चला। यानी दोनों वैक्सीन कोरोना संक्रमण के खिलाफ कारगर है।
ICMR ने भी कोविशील्ड की पहली खुराक को कारगर माना था
आपको बता दें कि इससे पहले मई में ICMR के डीजी बलराम भार्गव ने भी कहा था कि कोविशील्ड की पहली खुराक के बाद शरीर में एंटीबॉडी का स्तर तेजी से बढ़ता है वहीं कोवैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के बाद शरीर में एंटीबॉडीज का स्तर बढ़ता है। यही कारण है कि कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच का अंतराल 6-8 सप्ताह बढ़ाकर 12-16 सप्ताह कर दिया है। वहीं कोवैक्सीन की दोनों खुराकों क अंतराल में कोई बदलाव नहीं किया गया है।