नई दिल्ली। (भाषा) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को केंद्र पर तंज कसते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ‘ब्लू टिक’ के लिए लड़ रही है और कोविड-19 रोधी टीके हासिल करने के लिए लोगों को ‘आत्मनिर्भर’ हो जाने की जरूरत है। राहुल का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब एक दिन पहले ही ट्विटर ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और मोहन भागवत समेत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शीर्ष पदाधिकारियों के निजी अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया और बाद में हंगामा होने पर इसे बहाल कर दिया। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा ‘‘ब्लू टिक के लिए मोदी सरकार लड़ रही है…कोविड टीका चाहिए तो आत्मनिर्भर बनो।’’
ब्लू टिक के लिए मोदी सरकार लड़ रही है-
कोविड टीका चाहिए तो आत्मनिर्भर बनो!#Priorities— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 6, 2021
कांग्रेस नेता पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा उन्हें सोशल मीडिया से बाहर निकलकर जमीन पर काम करना चाहिए। भाजपा ने राहुल गांधी से कांग्रेस शासन वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोविड टीकाकरण कार्यक्रम में वहां कथित घोटाले और अनियमितताओं को लेकर भी बात करने को कहा।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी इस मामले पर चिंता प्रकट की और गोविंद वल्लभ पंत स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान के आदेश को पोस्ट किया, जिसमें चेताया गया कि केवल हिंदी और अंग्रेजी में बात करें, वरना कार्रवाई की जाएगी। प्रियंका गांधी ने मलयालम में ट्वीट किया, ‘‘यह आदेश हमारे देश के बुनियादी मूल्यों का उल्लंघन है। यह नस्लवादी, पक्षपातपूर्ण और पूरी तरह गलत है।’’ साथ ही कहा कि मलयाली नर्सें कोविड-महामारी के समय अपनी जान को खतरे में डालकर लोगों की जान बचाने का काम कर रही हैं।
From September 2020 to January 2021, the Modi Government reduced:
👉 Oxygen beds by 36%
👉 ICU beds by 46%
👉 Ventilator beds by 28%Why?
When every expert in the country, the Parliamentary Committee on Health and their own Sero-surveys warned them that additional… 1/2 pic.twitter.com/n6zDrfEeXE
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 6, 2021
प्रियंका ने कहा, ‘‘यह आदेश अपमान है। हमें उनका आभारी होना चाहिए और सम्मान दिखाना चाहिए। जितनी जल्दी हो इसे (आदेश को) वापस लिया जाना चाहिए और माफी मांगनी चाहिए।’’ प्रियंका ने एक अन्य ट्वीट में आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी नेतृत्व वाली सरकार ने सितंबर 2020 और जनवरी 2021 के दौरान ऑक्सीजन बेड की संख्या 36 प्रतिशत, आईसीयू बेड की संख्या 46 प्रतिशत और वेंटिलेटर बेड की संख्या 28 प्रतिशत घटा दी।