नई दिल्ली। कोरोना (Corona) का नया स्ट्रेन बार-बार अपना स्वरूप बदल रहा है। संक्रमण पहले की तुलना में अब कहीं ज्यादा खतरनाक है। पहले जहां कोरोना टेस्ट के लिए केवल रेपिड टेस्ट को भरोसेमंद नहीं माना जा रहा था वहीं अब RT-PCR टेस्ट के विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं। दरअसल, कोरोना के कई नए मरीजों में लक्षण होने के बावजूद RT PCR टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। कुछ मामलों में तो दो-तीन बार टेस्ट होने के बाद भी सही रिजल्ट नहीं मिल रहा है।
लक्षण दिखने पर भी रिपोर्ट निगेटिव
बतादें कि पिछले कुछ दिनों में कई ऐसे मरीज मिले हैं जिनमें कोरोना संक्रमण के कई लक्षण थे। इतना ही नहीं उनके सीटी स्कैन में भी हल्के रंगीन या ग्रे पैच थे। जो सीधे तौर पर मरीज के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि करता है। लेकिन जब उनका RT PCR टेस्ट किया गया तो रिपोर्ट निगेटिव ही आई। गौरतलब है कि कोरोना की पहली लहर में RT PCR टेस्ट को गोल्डन स्टैंडर्ड बताया गया था। जो संक्रमण का सटीक रिजल्ट देता था। लेकिन जैसे ही इस बार कोरोना के नए स्ट्रेन ने भारत में दस्तक दी RT PCR टेस्ट पर भी सवाल खड़े होने लगे।
विशेषज्ञों ने क्या कहा
वहीं पूरे मामले पर विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना ने नए स्ट्रेन (new variants of Corona) में अपने स्वरूप में बदलाव किए हैं। हो सकता है कि जिन मरीजों का नमूना लिया था उनके गले या नाक में उस वक्त वायरस नहीं था। जबकि फेफड़ों तक संक्रमण पहुंच गया था। डॉक्टरों का मानना है कि वायरस ने खुद को ACE Receptors से जोड़ लिया था, जो कि फेफड़ो की कोशिकाओं में पाए जाने वाला एक तरह का प्रोटीन होता है। इसलिए जब फेफड़ों से फ्लूइड सैंपल लिया गए, तो उसमें कोरोना संक्रमण की पुष्टी हुई।
इन लोगों से है सबसे ज्यादा खतरा
बतादें कि नए स्ट्रेन के आने के बाद करीब 15-30 प्रतिशत कोरोना मरीजों में लक्षण होने के बावजूद उनकी टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। यही लोग सबसे ज्यादा करोना को भी फैला रहे हैं। हालांकि इसमें उनकी कोई गलती नहीं है। क्योंकि लक्षण आने के बाद जब वे कोरोना टेस्ट करवाते हैं तो उनकी रिपोर्ट निगेटिव आती है। इस कारण से उन्हें लगता है कि वे स्वस्थ्य है, आम लोगों की तरह अपना काम भी करते रहते हैं। इस दौरान वे दूसरे सामान्य मरीजों को संक्रमित करते रहते हैं।
नए स्ट्रेन में नए लक्षण
इसके साथ कोरोना के नए स्ट्रेन में नए लक्षण भी सामने आ रहे हैं। नए स्ट्रेन के मरीजों में अब पेट दर्द, उल्टी, जोड़ों का दर्द, कमजोरी और भूख में कमी की शिकायत देखी जा रही है। डॉक्टरों ने अपनी जांच में पाया है कि जो मरीज पेटदर्द, उल्टी, जोड़ों में दर्द, कमजोरी और भूख में कमी की शिकायत लेकर अस्पताल आ रहे हैं। उनमें से करीब 40 प्रतिशत मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है।