उज्जैन। प्रदेश में कोरोना का कहर अब दहशत बन चुका है। रोजाना हजारों मरीज प्रदेश में संक्रमित हो रहे हैं। साथ ही रोजाना कई मरीज कोरोना के दंश से दम तोड़ रहे हैं। उज्जैन में बुधवार- रुवार की दरम्यानी रात हड़कंप मच गया। यहां अस्पताल में देर रात ऑक्सीजन खत्म होने से पांच मरीजों की मौत हो गई। इनमें भाजपा के 1 मंडल अध्यक्ष की भी मौत हुई है। हालांकि जिला प्रशासन ने ऑक्सीजन खत्म होने से मौत को लेकर साफ इंकार किया है।
बता दें कि मंडल अध्यक्ष जितेंद्र शेरे की मौत से गुस्साए कार्यकर्ताओं ने अस्पताल में तोड़फोड़ भी की। उन्हें रोकने के लिए पुलिसकर्मी आए तो कार्यकर्ताओं ने उनके साथ भी धक्का-मुक्की की। अस्पताल के प्रभारी और विकास प्राधिकरण के सीईओ सुजान सिंह रावत को भी भाजपा कार्यकर्ता मारने पहुंचे। रावत ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। उसके बाद भी भाजपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा कम नहीं हुआ उन्होंने लात मार कर दरवाजा तोड़कर अधिकारी के साथ मारपीट करनी चाही।
कार्यकर्ताओं ने किया हंगामा
उधर पूरे मामले में अस्पताल के प्रभारी सुजान सिंह रावत ने कहा जिन मरीजों की मौत हुई है उन सभी को लंग्स में इंफेक्शन था। इसी कारण से मरीजों की मौत हुई है। रावत ने कहा कि मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है। वहीं दूसरी तरफ शहर में 24 घंटे में 14 लोगों की मौत हो गई है। इसमें अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि इनमें से कितने कोरोना संदिग्ध है और कितने पॉजिटिव। अचानक एक साथ इतने लोगों की मौत की खबर से प्रशासन भी हरकत में आ गया है।
आरडी गार्डी में 8, माधव नगर में 2, सहर्ष में 1, चैरिटेबल में 1, अमलतास हॉस्पिटल में 2 मरीजों की मौत हुई है। हालांकि प्रशासन ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है । वहीं उज्जैन जिले के कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि कि सोशल मीडिया पर उज्जैन में कोरोना से 14 मरीजों की मृत्यु होने की खबर गलत और भ्रामक है। 1 दिन में करुणा से सिर्फ 2 मरीजों की मौत हुई है। वहीं ऑक्सीजन की कमी से मौत होने की खबर भी पूरी तरह गलत है।