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भोपाल। विधानसभा कार्रवाई के दौरान कई बार सदन में जनप्रतिनिधियों द्वारा कई आपत्तिजनक शब्द भी सुनाई देते हैं। एक-दूसरे पर हमला बोलते समय कई नेता भाषा की मर्यादा को भी खोने से नहीं चूकते हैं। वहीं कई जनप्रतिनिधि एक दूसरे को पप्पू, फेंकू जैसे नामों से बुलाते नजर आते हैँ। अब इन शब्दों पर प्रतिबंध लगने जा रहा है। अब मप्र की विधानसभा में शब्दों की आचार संहित लगने वाली है। अब सदन में विधायकों को भाषा की मर्यादा का ध्यान रखना पड़ेगा।
सदन की कार्यवाही के दौरान माननीय बंटाधार, पप्पू, फेंकू, मामू, मंदबुद्धि और झूठा जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। विधानसभा सूत्रों के मुताबिक अनुशासन समिति अप्रैल में विधायकों की होने वाली ट्रेनिंग सेशन से पहले ऐसे शब्दों की सूची बनाएगी। विधानसभा सचिवालय अब सदन में सही व्यवहार के लिए विधायकों को कोड के जरिए ट्रेंड करेगा। इसके तहत ऐसे शब्दों की एक सूची बनाई जाएगी जिनका बोलना विधानसभा में प्रतिबंधित रहेगा।
यह बोले विधानसभा अध्यक्ष गौतम…
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि विधानसभा में शब्दों की मर्यादा रखने के लिए एक सूची बनाई जा रही है। यह सूची ऐसे शब्दों को लेकर बनाई जाएगी जिसका उपयोग जनप्रतिनिधि एक दूसरे पर हमला बोलने के लिए करते हैं। गौतम ने कहा कि विधानसभा की बैठकों में सत्त और विपक्ष के प्रतिनिधि एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के दौरान असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करते हैं। इस तरह की स्थिति में विधानसभा अध्यक्ष को अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए कार्रवाई को रोकना पड़ता है। इसी को लेकर अब एक सूची बनाई जा रही है। अब इसके तहत झूठे जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। झूठे की जगह असत्य का प्रयोग करना होगा।