मुंबई। (भाषा) कोरोना काल में वर्ष 2020 के दौरान भारत (Hurun List)में 40 उद्यमी अरबपतियों की सूची में जुड़ गये। इन्हें मिलाकर भारत के कुल 177 लोग अरबपतियों की सूची में शामिल हो गये। एक रिपोर्ट में मंगलवार को यह कहा गया। दुनिया के धनी लोगों की हुरुन ग्लोबल ((Hurun Global Rich List 2021) की इस सूची में कहा गया है कि वर्ष 2020 में जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में रही भारत में 40 लोग अरबपतियों की सूची में पहुंच गये। मुकेश अंबानी की संपत्ति 2020 में 24% बढ़ी है।
दुनिया के सबसे अमीर लोगों में अंबानी 8वें नंबर पर
रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी लगातार सबसे अमीर भारतीय बने हुये हैं। उनकी संपत्ति 24 प्रतिशत बढ़कर 83 अरब डालर पर पहुंच गई। दुनिया के अरबपतियों की सूची में वह एक पायदान चढ़कर आठवें नंबर पर पहुंच गये। रिपोर्ट के मुताबिक, अंबानी की कुल संपत्ति 6.1 लाख करोड़ रुपए (83 बिलियन डॉलर) आंकी गई है। इस लिस्ट में पिछले साल अंबानी 9वें नंबर पर थे और उसकी कुल संपत्ति कुल 67 अरब डॉलर यानी लगभग 4.8 लाख करोड़ रुपए थी।
गौतम अडानी की संपत्ति दोगुनी हुई
गुजरात के उद्योगपति गौतम अदाणी की संपत्ति में भी अच्छा इजाफा हुआ है। वर्ष 2020 में उनकी संपत्ति 32 अरब डालर तक पहुंच गई और दुनिया के अमीरों की सूची में उनका स्थान 20 पायदान चढ़कर 48 नंबर पर पहुंच गया। मुकेश अंबानी के बाद वह दूसरे सबसे अमीर भारतीय बन गये हैं। उनके भाई विनोद की संपत्ति 128 प्रतिशत बढ़कर 9.8 अरब डालर हो गई। आईटी कंपनी एचसीएल के शिव नाडर भारत के अरबपतियों की सूची में 27 अरब डालर की संपत्ति के साथ तीसरे नंबर पर रहे। महिन्द्रा समूह के आनंद महिन्द्रा की संपत्ति में भी 100 प्रतिशत वृद्धि हुई है और यह 2.4 अरब डालर हो गई।
एलन मस्क दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति
बॉयकोन की किरण मजूमदार की संपत्ति 41 प्रतिशत बढ़कर 4.8 अरब डालर हो गई। वहीं पतंजलि आयुर्वेद के आचार्य बालकृष्ण की संपत्ति इस दौरान 32 प्रतिशत घटकर 3.6 अरब डालर रह गई। वैश्विक स्तर पर यदि बात की जाये तो टेस्ला के एलोन मुस्क 197 अरब डालर की संपत्ति के साथ सबसे शीर्ष पर रहे हैं। इसके बाद अमेजन के जैफ बेजोस का स्थान रहा है। उनकी संपत्ति 189 अरब डालर रही है। इस रिपोर्ट में 15 जनवरी तक के आंकड़ों के मुताबिक व्यक्तिगत या फिर पारिवारिक संपत्ति के तौर पर आकलन किया गया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष के दौरान सात प्रतिशत गिरावट आने का अनुमान व्यक्त किया गया है। वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के प्रकोप से बचने के लिये सरकार को लॉकडाउन लगाना पड़ा था।