भोपाल: मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली महंगी कर दी है। घरेलु बिजली की दरों को 1.9 फीसदी बढ़ाया गया है। पावर मैनेजमेंट कंपनी ने 6 फीसदी बिजली महंगी किए जाने का प्रस्ताव आयोग को दिया था, जिसकी मंदूरी मिल चुकी है। कोरोना संक्रमण के चलते यह प्रस्ताव फरवरी से रुका हुआ था। बिजली नियामक आयोग ने नौ महीने की देरी से गुरुवार को नए टैरिफ जारी किए।
बता दें कि नए नियमों के तहत विद्युत कंपनियां अब उपभोक्ताओं से मीटर किराया नहीं ले सकेंगी। वहीं 26 दिसंबर से नई दरें लागू की जाएंगी। बिजली की दरें औसत 15 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी कर दी गई है। अगले वित्तीय वर्ष के लिए आयोग तीन माह बाद फिर से दरें निर्धारित करेगा। ऑनलाइन, अग्रिम भुगतान और प्रीपेड मीटरिंग पर मिल रही छूट जारी रहेगी।
बढ़ोतरी से बाहर हैं ये 5 सेक्टर
– 30 यूनिट तक खपत वाले 100 वॉट विद्युत भार के घरेलू उपभोक्ता।
– निम्न दाब उद्योग
– विवाह समारोह एवं अन्य सामाजिक-धार्मिक आयोजन
– ई-वाहन, ई-रिक्सा चार्जिंग स्टेशन
– रेलवे ट्रेक्शन
मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं पर बढ़ेगा 45 रुपये का बोझ
जो उपभोक्ता महीनेभर में डेढ़ सौ यूनिट बिजली जलाते हैं और इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत सब्सिडी पाते हैं। उन्हें महीने में 15.50 रुपये ज्यादा बिल देना पड़ेगा। वहीं 300 यूनिट की खपत वाले मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं पर लगभग 45 रुपये का बोझ बढ़ेगा।
मीटर प्रभार से घरेलू उपभोक्ताओं को मिली मुक्ति
बिजली बिल में जबरन जुड़कर आने वाले मीटर प्रभार को आयोग ने खत्म कर दिया है। सिंगल फेज के 10 और थ्री फेज कनेक्शन वालों को 25 रुपए मीटर प्रभार के रूप में हर महीने देना होता है। आयोग ने इस मद को खत्म कर दिया है। दिसंबर के बिल में इस मद में पैसा जुड़कर नहीं आया। बिजली उपभोक्ता सोसायटी के संयोजक डॉ. गौतम कोठारी के मुताबिक पिछले कई सालों से इस मद को खत्म करने के लिए आयोग के समक्ष मांग की जाती थी।