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Dharma Swatantrya Bill 2020: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने धर्मांतरण विरोधी कानून ‘धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम-2020’ को लेकर शनिवार को उच्च स्तरीय बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, अब प्रदेश में कोई भी व्यक्ति किसी को बहला-फुसलाकर, डरा-धमका कर विवाह के माध्यम से या फिर अन्य किसी कपटपूर्ण साधन से धर्म परिवर्तन नहीं करा पाएगा। ऐसा प्रयास करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मध्यप्रदेश सरकार इस संबंध में ‘मप्र धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020’ लाने वाली है। मुख्यमंत्री चौहान मंत्रालय में उच्च स्तरीय अधिकारियों की बैठक में धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम-2020 के प्रारूप पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj ने मंत्रालय में उच्च स्तरीय अधिकारियों की बैठक में धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम-2020 के प्रारूप पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति अब किसी को बहला-फुसलाकर, डरा-धमका कर विवाह या अन्य किसी कपटपूर्ण साधन से धर्म परिवर्तन नहीं करा पाएगा। https://t.co/eYHKwqwzBu
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) December 5, 2020
पीड़ित के माता-पिता या सगे संबंधी कर सकेंगे शिकायत
प्रस्तावित अधिनियम के अंतर्गत किसी व्यक्ति द्वारा धर्म परिवर्तन कराने संबंधी प्रयास किए जाने पर प्रभावित व्यक्ति स्वयं, उसके माता-पिता या सगे संबंधी इसके विरुद्ध शिकायत कर सकेंगे। यह अपराध संज्ञेय, गैर जमानती और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय होगा। उप पुलिस निरीक्षक से कम श्रेणी का पुलिस अधिकारी इसकी जांच नहीं कर सकेगा। धर्मांतरण नहीं किया गया है यह साबित करने का भार अभियुक्त पर होगा।
धर्मांतरण की नियत से की गई शादी शून्य होगी
जो विवाह धर्म परिवर्तन की नियत से किया गया होगा वह मान्य नहीं होगा। इसके लिए कुटुम्ब न्यायालय या कुटुम्ब न्यायालय की अधिकारिता में आवेदन करना होगा।
किसी भी व्यक्ति द्वारा अधिनियम की धारा 03 का उल्लंघन करने पर 01 वर्ष से 05 वर्ष का कारावास व कम से कम 25 हजार रूपए का अर्थदण्ड होगा। नाबालिग, महिला, अ.जा, अ.ज.जा के प्रकरण में 02 से 10 वर्ष के कारावास तथा कम से कम 50 हजार रूपए अर्थदण्ड प्रस्तावित किया गया है।
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) December 5, 2020
सजा का प्रावधान
किसी भी व्यक्ति द्वारा अधिनियम की धारा 03 का उल्लंघन करने पर 1 से 5 साल का कारावास व कम से कम 25 हजार रूपए का अर्थदण्ड होगा। नाबालिग, महिला, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के मामले में 2 से 10 वर्ष के कारावास तथा कम से कम 50 हजार रूपए का अर्थदण्ड प्रस्तावित किया गया है।
इसी तरह अपना धर्म छुपाकर ऐसा प्रयास करने पर 3 से 10 वर्ष का कारावास एवं कम से कम 50 हजार रूपए अर्थदण्ड होगा। सामूहिक धर्म परिवर्तन (02 या अधिक व्यक्ति का) का प्रयास करने पर 05 से 10 वर्ष के कारावास एवं कम से कम 01 लाख रूपए के अर्थदण्ड का प्रावधान किया जा रहा है।
यह कहती है धारा-03
प्रस्तावित ‘मप्र धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम’ की धारा 03 के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति दूसरे को भ्रमित कर, प्रलोभन, धमकी, बल, दुष्प्रभाव, विवाह के नाम पर अथवा अन्य कपटपूर्ण तरीके से प्रत्यक्ष अथवा अन्यथा उसका धर्म परिवर्तन अथवा धर्म परिवर्तन का प्रयास नहीं कर सकेगा। कोई भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन किए जाने का षड़यंत्र नहीं करेगा।