Floating Lake: लोकतक झील (Loktak Lake) उत्तर-पूर्व भारत (North-East India) की सबसे बड़ी साफ पानी की झील है। इसे दुनिया की एकमात्र तैरती हुई झील भी कहा जाता है, क्योंकि यहां छोटे-छोटे भूखंड पानी में तैरते हुए दिखाई देते हैं। ये द्वीप जिन्हें फुमदी (Phumdi) के नाम से जाना जाता है, मिट्टी, पेड़-पौधों और जैविक पदार्थों के मिलकर कठोर संरचना में बने होते हैं।
इन्होंने झील के एक बड़े भाग को कवर कर रखा है। मणिपुर के इम्फाल के पास स्थित इस झील में इन फुमदियों को देखना अनोखा है क्योंकि ये दुनिया में कहीं और नहीं दिखते। इन द्वीपों में सबसे बड़ा द्वीप 40 स्क्वायर किमी में फैला हुआ है। इन फुमदियों पर स्थानीय मछुआरे रहते हैं।
इन मछुआरों को स्थानीय भाषा में ‘फुमशोंग्स’ कहा जाता है। स्थानीय लोग फुमदी का उपयोग मछली पकड़ने, झोपड़ी बनाने जैसे कामों के लिए करते हैं। इन मछुआरों की मछली पालन की कला भी बेहद अनोखी है। ये मछली पालने के लिए फुमदी का नकली गोल घेरा बनाते हैं। आपको आश्चर्य होगा कि, तकरीबन 1 लाख से ज्यादा लोगों इस झील पर आश्रित हैं।
मणिपुर को आर्थिक रूप से भी मजबूत बनाती है झील
लोकतक झील इम्फाल से 53 किलोमीटर दूर मणिपुर के बिशनुपुर जिले में है। यह झील प्राकृतिक सुंदरता के अलावा मणिपुर की अर्थव्यवस्था में भी अहम भूमिका निभाती है। इस झील से राज्य की हाइड्रोपॉवर जनरेशन के लिए पानी दिया जाता है। सिंचाई में भी काफी मदद मिलती है। पेयजल की आपूर्ति होती है। स्थानीय मछुआरों की आजीविका भी है।
झील पर है विश्व का इकलौता तैरता नेशनल पार्क
लोकतक झील देश से लेकर पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इसका कारण इस झील पर तैरता दुनिया का इकलौता फ्लोटिंग नेशनल पार्क (Floating National Park) है। इसे कीबुल लामजो (Keibul Lamjao National Park) के नाम से जाना जाता है। यह पार्क झील के बीच में स्थित है। इसे विश्व से विलुप्त होते संगाई हिरनों का आखरी प्राकृतिक शरणस्थल कहा जाता है। संगाई मणिपुर का राजकीय पशु भी है।