उज्जैन: दिवाली पर्व की शुरुआत हो गई है। उज्जैन के बाबा महाकाल का दरबार भी भव्य तरीके से सजा दिया गया है। आकर्षक नंदी हाल, गर्भ गृह सजाकर तैयार कर दिया गया है। इन्हीं सब के साथ महाकाल बाबा का विशेष श्रृंगार किया गया है।
आपको बता दें हर साल दिवाली के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन के लिए आते हैं। इस बार कोरोना का साया भी है, जिसे देखते हुए दिवाली पर्व पर महाकाल दरबार में खास तैयारियां की गई हैं। जिससे की गाइडलाइन का उल्लंघन ना हो। हर कोई बाबा महाकाल के दर्शन कर सके और उसे कोरोना का साया ना घेर पाए।
राजाधिराज भगवान महाकाल के आंगन में कार्तिक अमावस्या से एक दिन पहले दीप पर्व मनाए जाने की परंपरा है। लेकिन इस बार पंचांग भेद के कारण तिथियों में अंतर हो गया इस वजह से 14 नवंबर को रुपचतुर्दशी के दिन सुबह दिवाली पर्व मनाया जाएगा। इसी दिन महाकाल मंदिर में दीपावली मनाई जाएगी। वहीं वर्षों बाद ऐसा संयोग बन रहा है, जब प्रजा राजा के साथ रूप चौदस और दीपावली एक साथ मनाएगी। मंदिर में शुक्रवार को धनतेरस पर्व मनाया गया था।
कल सुबह भस्म आरती में महाकाल करेंगे अभ्यंग स्नान
राजाधिराज भगवान महाकाल के दरबार में शनिवार यानी रुपचौदस के दिन सुबह 4 बजे होने वाली भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल को चंदन के साथ-साथ अन्य सुगंधित द्रव्यों से स्नान कराया जाएगा। जिसमें चंदन के बुरादे, इत्र व अन्य सुगंधित द्रव्यों से बाबा स्नान करेंगे और रूप निखारेंगे। शहर में इसके बाद ही रूप चौदस का आयोजन होगा। बाबा महाकाल को गरम जल से भी स्नान कराया जाएगा।