एक तरफ कोरोना का प्रकोप अभी भी पुरी दुनिया में जारी है। इससे संक्रमित होने वाले मरीजों के आकड़ें रोजाना रिकॉर्ड बना रहे हैं। वहीं भारत में भी कोरोना संक्रमण का आकड़ा 50 लाख पार कर चुका है। वहीं इस वायरस को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि, कोविड19 के कुल मामलों में 20 साल से कम उम्र के मरीजों की संख्या 10 प्रतिशत से भी कम है। इसी के साथ कोरोना संक्रमण के कारण हुई मौतों में इस उम्र के लोगों की संख्या 0.2 प्रतिशत से भी कम है।
बच्चों में संक्रमण का मामूली असर
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस अधानोम घेब्रेयेसस ने मंगलवार को एक प्रेस कॉंफ्रेंस कर कहा कि, हम जानते हैं कि यह वायरस बच्चों को मार सकता है, लेकिन बच्चों में संक्रमण का मामूली असर होता है और बच्चों और किशोरों में कोविड-19 से बहुत कम गंभीर मामले और मौतें सामने आई हैं।
बच्चों को अन्य तरीकों से उठाना पड़ा नुकसान
ट्रेडोस ने आगे कहा कि, इस वायरस से बड़ी मात्रा में बच्चे प्रभावित नहीं हुए हैं। हालांकि उन्हें अन्य तरीकों से नुकसान उठाना पड़ा है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जैसे कई देशों में आवश्यक पोषण और टीकाकरण सेवाएं बाधित हो गई हैं, और लाखों बच्चे स्कलू नहीं जा पा रहे हैं।
बच्चों को लेकर अपील
इसी के साथ उन्होंने बच्चों को लेकर सतर्कता बरतने की अपील की। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बीच अब धीरे-धीरे स्कूल और कॉलेज खुलने लगे हैं। ऐसे में अब परिजनों को पहले से कहीं ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी। कोरोना को लेकर जारी किए गए सभी गाइड लाइन का पालन सख्ती से करना होगा। जिससे हम बच्चों को इस वायरस से बचा सकें।
साथ ही उन्होंने कहा कि, अभी भी बच्चों और किशोरों के बीच इस गंभीर बीमारी और मृत्यु के जोखिम पर अधिक शोध करने की जरूरत है।