भोपाल/ राजगढ़: जम्मू-कश्मीर के बारामूला (jammu kashmir)स्थित सलोसा इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में शहीद हुए मनीष कारपेंटर का पार्थिव शरीर बुधवार को राजगढ़ जिले के खुजनेर पहुंचा, गांव को अंतिम विदाई के लिए फूलों से सजाया गया। गांव के लोग अपने वीर सपूत के दर्शन के लिए इकट्ठा थे। वहीं शहीद के पित सिद्धनाथ विश्वकर्मा ने कहा कि मुझे मेरे बेटे पर फक्र है, मेरे दोनों बेटे सेना में हैं और मेरा एक बेटा भारत माता की सेवा करते हुए शहीद हो गया। शहीद जवान के बेटे का कहना है कि उनकी मनीष से 5-6 दिनों पहले बात हुई थी तब उसने कहा था कि मैं दशहरे के बाद घर आउंगा। आप आरती ( मनीष की पत्नी) के मायके से ले आना।
साल 2019 में हुई थी मनीष की शादी
परिवार ने बताया कि मनीष की पिछले साल 19 मई 2019 में ही शादी हुई थी। शहीद की पत्नी आरती आष्टा के पास बड़ा निपानिया की रहने वाली हैं। मनीष के भाई भी सेना में ही हैं। आर्मी मैन शहीद मनीष के पार्थिव शरीर के जिले में प्रवेश करते ही लोग अंतिम दर्शन के लिए सड़कों पर उमड़ पड़े। भारत माता की जय और वीर मनीष अमर रहें के नारे गूंज उठे। मनीष के पार्थिव शरीर को आर्मी ट्रक में सुबह 9 बजे भोपाल से राजगढ़ के लिए रवाना किया गया था। मनीष के शहादत को हर कोई सलाम कर रहा है, इसी सिलसिले में प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
शहीद जवान के परिजनों को एक करोड़ देने का ऐलान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजगढ़ जिले के वीर सैनिक मनीष कारपेंटर के पार्थिव शरीर पर भोपाल में पुष्प चक्रअर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने शहीद जवान के परिजनों को एक करोड़ देने का ऐलान किया। सीएम शिवराज ने कहा कि जवान मनीष की शहादत की याद में उनकी प्रतिमा की स्थापना की जाएगी।
आतंकियों मुठभेड़ में घायल हुए थे मनीष
मिली जानकारी के अनुसार जम्मू-कश्मीर के बारामूला (jammu kashmir)स्थित सलोसा इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इसमें मुठभेड़ में मनीष कारपेंटर घायल हो गए थे, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। आपको बता दें, मनीष वर्ष 2016 में सेना में भर्ती हुए थे।