नई दिल्ली: कोरोना काल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ग्राहकों को सुविधा देने के लिए उन्हें लोन मोरेटोरियम की सुविधा दी थी। अब 31 अगस्त को लोन मोरेटोरियम की अवधी खत्म होने जा रही है। लेकिन इस बात से लोग बेहद चिंतित हैं कि अब लोन का क्या होगा। क्यूंकि लॉकडाउन तो अब भी पूरी तरह से नहीं हटा है और लोगों के काम धंधे अपनी गति से नहीं चल पा रहे हैं। ऐसे में लोग लोन का ब्याज कैसे भर पाएंगे।
हालांकि, इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट पहले ही सरकार को फटकार लगा चुकी है। कोर्ट ने सरकार से कहा कि रिजर्व बैंक की आड़ लेकर अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती और सरकार को सिर्फ बिजनेस नहीं लोगों की परेशानी के बारे में भी सोचना होगा। फिलहाल इस मामले पर सरकार से कोर्ट ने जवाब मांगा है और आगे क्या जवाब सरकार देगी इस पर आगे की प्रक्रिया और लोग ब्याज को लेकर नया निर्णय लिया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से इसका जवाब मांगा है. अगली सुनवाई 1 सितंबर को होगी.
क्या होता है लोन मोरेटोरियम पीरियड?
लोन मोरेटोरियम की सुविधा लोगों को ईएमआई टालने का विकल्प होता है, जिसके माध्याम से आप अपने बैंक से किसी भी प्रकार का लोन लिया है तो छह माह तक के लिए लोन की ईएमआई का भुगतान ना करने का विकल्प दिया जाता है। यह सुविधा RBI आपको अपनी जरूरत के अनुसार दिया है।
मोरेटोरियम आगे नहीं बढ़ाने का क्या अर्थ है?
छह अगस्त 2020 को हुई एमपीसी बैठक में लोन की ईएमआई टालने की अवधि नहीं बढ़ाई गई। यानी 31 अगस्त के बाद मोरेटोरियम की अवधि खत्म हो जाएगी। जिन ग्राहकों ने इस सुविधा का लाभ उठाया था, उन्हें सितंबर से फिर से अपने होम लोन, व्हीकल लोन और पर्सनल लोन पर मार्च से पहले की तरह किस्त चुकानी होगी।