Urban Cleanliness Survey 2023: देश में एक बार फिर स्वच्छता की दौड़ शुरू हो गई है जहां पर कई राज्यों और शहरों में सफाई अभियान की शुरूआत हो गई है। आज से जहां पर स्वच्छता सर्वेक्षण का 8वां सीजन शुरू हो गया है। बता दें कि, शहरों में स्वच्छता बनाए रखने के लिए 2016 में इस पहल की शुरूआत की गई थी।
जानिए कैसा है 2023 का अभियान
आपको बताते चलें, स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 के अभियान में इस बार 4500 से ज्यादा शहरों को लिस्ट में रखा गया है। वहीं पर इसके लिए आज 1 जुलाई से 3 हजार कर्मचारी इन शहरों में स्वच्छता का मूल्यांकन करेंगे। कौन सा शहर कितना स्वच्छ है, इसका आंकलन इस बार 46 पैरामीटर पर किया जाएगा। माना जा रहा है कि, काम के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसमें साल के अंत तक रिजल्ट घोषित किया जाएगा। इस बार की थीम वेस्ट टू वेल्थ रखी गई है।
जानिए क्या है सर्वेक्षण के पैरामीटर
आपको बताते चलें, साफ और गंदगी मुक्त शहरों को रैंकिंग तय करने के लिए कई पैरामीटर इस्तेमाल किए जाते हैं। इसमें पैरामीटर के आधार पर यह तय किया जाता है कि, घर-घर कूड़ा इकठ्ठा करने से लेकर प्लास्टिक वाले कचरे का मैनेजमेंट होता है। इतना ही नहीं वेस्ट टू वंडर पार्क का नया पैरामीटर जोड़ा गया है। जो भी शहर यह पूरा करेगा उसे नंबरों में 2% वेटेज दिया जाएगा। शहरों से निकले कूड़े का तकनीक की मदद से कितना और क्या उपयोग कियस जा रहा है। इस पर 40% वेटेज मिलता है।
जानिए कैसे होगा मूल्यांकन
आपको बताते चलें, शहरों को मूल्यांकन कुल 9,500 अंकों पर होगा। जिसमें शहर के नागरिकों से भी राय ली जाती है।
- 53% वेटेज कूड़े से जुड़ी सर्विस को लेकर दिए जाते हैं।
- 40% वेटेज वेस्ट प्रोसेसिंग और डिस्पोल के लिए मिलते हैं।
- 27% वेटेज यूज्ड वॉटर मैनेजमेंट और कंजर्वेशन के लिए।
- 23% वेटेज लोकल प्रशासन की तरफ से जारी सर्टिफिकेशन के लिए।
- 23% वेटेज सिटिजन्स के फीडबैक के आधार पर मिलते हैं।