सतना। प्रदेश के सतना जिले में साल 2019 में 6 साल के दो मासूम जुड़वा भाइयों के अपहरण और हत्याकांड मामले में सोमवार को फैसला आ गया है। इस हत्याकांड के पांचों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। हत्याकांड के सभी आरोपियों पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। सोमवार को पांचों आरोपियों को आजीवन करावास की सजा सुनाई गई है। बता दें कि इस हत्याकांड में कुल 6 आरोपी थे। एक आरोपी जेल में आत्महत्या कर चुका है। बता दें कि यह मामला साल 2019 का है। साल 2019 में 12 फरवरी को चित्रकूट में तेल कारोबारी बृजेश रावत के 6 साल के मासूम जुड़वां बेटों श्रेयांश और प्रियांश का अपहरण हो गया था। इस अपहरण के बाद आरोपियों ने एक करोड़ फिरौती मांगी थी। इसके एवज में परिजनों ने 20 लाख रुपए दिए थे।
इसके बाद भी आरोपियों ने दोनों मासूमों को मौत के घाट उतार दिया था। आरोपियों ने मासूमों की हत्या कर शवों को पत्थर से बांधकर यमुना नदी में बहा दिया था। इस हत्याकांड के बाद प्रदेशभर में हड़कंप मच गया था। इसकी गूंज पूरे प्रदेश में सुनाई दे रही थी। मासूमों की हत्या के बाद प्रदेश में सनसनी फैल गई थी। इसके बाद पुलिस ने मामले पर सख्ती से कार्रावाई करते हुए राजू द्विवेदी और पद्मकान्त शुक्ला समेत लकी तोमर, विक्रम जीत सिंह, बंटा और रामकेश यादव को गिरफ्तार कर लिया था। इनमें से रामकेश यादव ने जेल में आत्महत्या कर ली थी। पांच आरोपियों को सोमवार को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुना दी है।
सजा के बाद पिता के निकले आंसू…
बता दें कि मासूमों की हत्या के बाद प्रदेशभर में सनसनी फैल गई थी। विधानसभा में भी मासूमों की हत्या की गूंज सुनाई दी थी। पुलिस ने मामले पर कार्रावाई करते हुए 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक आरोपी ने जेल में आत्महत्या कर ली थी। वहीं पांच आरोपियों को आजीवन कारावास की सज सुनाई गई है। अदालत में फैसला आने के बाद दोनों मृतक मासूमों श्रेयांश और प्रियांश के पिता ब्रजेश रावत के आंसू निकल पड़े। रावत ने सजा के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि जब तक मैं जीवित हूं आरोपियों के खिलाफ उच्च अदालत में जाऊंगा।