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Indian Railway: 90 साल से सजा भुगत रहे हैं TTE, अंग्रेजों ने इस कारण से छीन लिया था रनिंग स्टाफ का दर्जा

Indian Railway: 90 साल से सजा भुगत रहे हैं TTE, अंग्रेजों ने इस कारण से छीन लिया था रनिंग स्टाफ का दर्जाIndian Railway: TTE is facing punishment for 90 years, British had snatched the status of running staff for this reason nkp

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Bansal Digital Desk
Indian Railway: 90 साल से सजा भुगत रहे हैं TTE, अंग्रेजों ने इस कारण से छीन लिया था रनिंग स्टाफ का दर्जा

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे के टीटीई यानी ट्रैवलिंग टिकट इग्जामिनर (Traveling Ticket Examiner) अग्रेजों के जमाने की दी हुई सजा से मुक्ति की उम्मीद लगाए बैठे हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस बार संसद के मानसून सत्र से सजा से मुक्ति मिल जाएगी। उनकी मांग को जायज मानते हुए 132 सांसदों ने समर्थन भी किया है।

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मामला क्या है?

दरअसल, वर्ष 1931 में ब्रिटिश सरकार ने क्रांतिकारियों को ट्रेन में सीट के नीचे छिपाकर ले जाने का दोषी मानते हुए टीटीई से रनिंग स्टाफ का दर्जा छीन लिया था। जिसकी सजा आज भी भारतीय रेलवे के 17 जोनों में कार्यरत करीब 28 हजार टीटीई भुगत रहे हैं। वर्तमान में सिर्फ चालक, परिचालक और गार्ड को ही रनिंग स्टाफ का दर्जा प्राप्त है।

नहीं मिल पाती कई सुविधाएं

रेलवे बोर्ड ने इस संबंध में दो साल पहले एक कमेटी भी बनाई थी। इंडियन रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ आर्गनाइजेशन ने इस मांग के समर्थन में नए सिरे से अभियान शुरू किया है, ताकि मानसून सत्र में उन्हें सजा से मुक्ति मिल सके। इस सजा की वजह से टीटीई को रनिंग स्टाफ के रूप में प्रति किलोमीटर की दर से रनिंग अलाउंस, रेस्ट हाउस में विश्राम और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच की सुविधा नहीं मिलती है।

रनिंग स्टाफ का दर्जा प्राप्त करने के लिए कई बार किया आंदोलन

आजादी के बाद से टीटीई ने रनिंग स्टाफ का दर्जा प्राप्त करने को लेकर कई बार आंदोलन किया। वर्तमान में इंडियन रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ आर्गनाइजेशन के बैनर तले देशभर के टीटीई आंदोलन कर हैं। उनकी मांग को जायज मानते हुए देश के 132 सांसदों ने समर्थन भी किया है। इंडियन रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ आर्गनाइजेशन ने प्रधानमंत्री, रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर जल्द ही रनिंग स्टाफ का दर्जा वापस देने की मांग की है।

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रनिंग स्टाफ को मिलता है प्रति किलोमीटर रनिंग अलाउंस

बता दें कि रनिंग स्टाफ लोको पायलेट को प्रति किलोमीटर 5.20 रपये, असिसटेंट लोको पायलेट को 3.90 रुपये और गार्ड को 4.75 रुपये की दर से रनिंग अलाउंस, रेस्ट हाउस में विश्राम और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच की सुविधा मिलती है, जबकि टीटीई को कोई भी सुविधा नहीं मिल रही है। इसलिए वे रनिंग स्टाफ के दर्जा की मांग कर रहे हैं।

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