नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) यदि 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी प्रक्रिया के संबंध में नियमों पर अपनी सिफारिशें इस साल मार्च तक दे देता है तो इस बहुप्रतीक्षित प्रक्रिया के मई में होने की संभावना है। दूरसंचार विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अश्विनी वैष्णव ने ट्राई को दिए थे निर्देश
दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि ट्राई ने सूचित किया है कि वह 5जी नीलामी के लिए मार्च तक अपनी सिफारिशें जमा करेगा और दूरसंचार विभाग (डीओटी) जल्द से जल्द नीलामी कराने के लिए अन्य प्रक्रियाएं पूरी कर रहा है। दूरसंचार सचिव के राजारमन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ट्राई ने संकेत दिया है कि वे इन्हें (सिफारिशें) मार्च तक भेज देंगे। उसके बाद इस बारे में निर्णय लेने में एक महीना लग जाएगा।’’ सरकार ने पूर्व में स्पेक्ट्रम नीलामी पर ट्राई से सिफारिशें प्राप्त होने के बाद निविदाओं का चरण शुरू करने के लिए 60 से 120 दिन का समय लिया है।
नीलामी की प्रक्रिया
राजारमन ने कहा कि दूरसंचार विभाग को ट्राई की सिफारिशें प्राप्त होने के दिन से नीलामी शुरू करने में दो महीने लगेंगे। विभाग के अनुसार, 5जी से डेटा 4जी सेवा की तुलना में 10 गुना तेज रफ्तार से डाउनलोड हो सकेगा। प्रक्रिया के अनुसार, विभाग स्पेक्ट्रम के मूल्य, इसे आवंटित करने की पद्धति, इसके ब्लॉक के आकार, भुगतान के तौर-तरीकों पर ट्राई से सिफारिशें मांगता है। ट्राई उद्योग जगत और अन्य हितधारकों से परामर्श करता है और दूरसंचार विभाग को सिफारिशें भेजता है। मौजूदा प्रक्रिया के अनुसार, दूरसंचार विभाग में निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई ‘डिजिटल संचार आयोग’ (पूर्ववर्ती दूरसंचार आयोग) है जो ट्राई की सिफारिशों पर फैसले लेता है और फिर इसे अंतिम मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल में भेजा जाता है। राजारमन ने कहा कि दूरसंचार विभाग ने आगामी नीलामी के लिए नीलामीकर्ता के रूप में एमएसटीसी को चुना है।