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छत्‍तीसगढ़ में खून की कमी से 5 लोगों की गई जान: मंत्री रामविचार के क्षेत्र की घटना, पंडो समाज के प्रमुख ने लिखा पत्र

5 Pando Tribals Died: छत्‍तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर इलाके से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां पंडो जनजाति के 5 लोगों की

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Aman jain
5 Pando Tribals Died

5 Pando Tribals Died

5 Pando Tribals Died: छत्‍तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर इलाके से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां पंडो जनजाति के 5 लोगों की खून की कमी के कारण मौत हो गई है। आपको बता दें कि 12 दिनों 5 लोगों की जान चली गई है। इसमें खास बात यह है कि ये घटनाएं मंत्री रामविचार नेताम के क्षेत्र की हैं। मंत्री ने इन घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है।

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समाज के प्रमुख ने सरगुजा संभागायुक्त से मामले की जांच की मांग की है और आरोप लगाया है कि संबंधित अधिकारियों ने लापरवाही बरती है। इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए, उन्होंने अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता की बात भी उठाई है, ताकि ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों और जनजाति के लोगों की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया जा सके।

अध्यक्ष उदय पंडो ने लिखा पत्र

सर्व विशेष पिछड़ी जनजाति समाज कल्याण समिति के अध्यक्ष उदय पंडो ने सरगुजा संभागायुक्त को एक पत्र लिखा है, जिसमें बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर ब्लॉक में 12 दिनों के अंदर पंडो जनजाति के 5 सदस्यों की खून की कमी के कारण हुई मौतों का उल्लेख किया गया है।

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उदय पंडो ने आरोप लगाया है कि पंडो जनजाति के परिवारों के विकास के लिए संचालित योजनाएँ केवल कागजों तक सीमित रह गई हैं। उन्होंने बताया कि जनजाति के लोग खून की कमी, बुखार, टीबी और प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

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इन लोगों की गई जान

आपको बता दें कि जिन पंडो जनजाति के सदस्यों की मौत खून की कमी से हुई है, उनमें तालकेश्वरपुर निवासी किसमतिया पंडो (32 वर्ष), धौनी निवासी कलापति पंडो (38 वर्ष), पीपरपान निवासी फूलकुंवर पंडो (55 वर्ष), टाटीआगर निवासी रामबसावन पंडो (50 वर्ष) और ओरंगा निवासी सुरेंद्र पंडो (23 वर्ष) शामिल हैं। उदय पंडो ने कहा कि यह स्थिति बेहद चिंताजनक है और इस मुद्दे पर उचित कार्रवाई की आवश्यकता है।

प्रशासन ने शुरू की जांच

जिला प्रशासन ने पंडो जनजाति के सदस्यों की मौत की जांच शुरू कर दी है। कलेक्टर रिमिजियुस एक्का ने बताया कि संबंधित पत्र उनके पास पहुंच गया है और जांच की जिम्मेदारी एसडीएम, तहसीलदार, और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सौंपी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि जिला प्रशासन द्वारा पूरे वर्ष कैंप लगाए जा रहे हैं और जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

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अब यह जांच की जा रही है कि विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों की मौत किन कारणों से हुई है। कुछ कैजुअल्टी संभाग मुख्यालय के अस्पताल में भी हुई है, जिसकी पूरी जानकारी प्रशासन ने मांगी है। रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारण स्पष्ट हो सकेंगे, और यदि किसी की लापरवाही पाई गई, तो संबंधित जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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