नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मैच फिक्सिंग के कई मामले अब तक सामने आ चुके हैं। फिक्सिंग के गहरे दाग के कारण कई क्रिकेटरों का करियर भी खत्म हो चुका है। कई बार तो इन्हें पकड़ना मुश्किल रहा है, लेकिन कई बार इन्हें रंगे हाथों भी पकड़ा गया है। बतादें कि ICC ने मैच फिक्सिंग को लेकर कड़े नियम बनाएं हैं इसके बावजूद मैच फिक्सिंग होती है। इस मामले में पाकिस्तानी खिलाड़ी सबसे आगे हैं। लेकिन भारत में भी कई बार मैच फिक्सिंग के आरोप में खिलाड़ियों को बैन किया गया है। आइए आज हम आपको उन भारतीय खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं जिन्हें फिक्सिंग के आरोप के बाद बैन किया गया है।
अब फिक्सिंग के मामले कम दिखते हैं
ICC ने क्रिकेट में फिक्सिंग को खराब मानते हुए कई कड़े प्रतिबंध लगाए हैं और इसमें सजा का भी प्रावधान है। मैच फिक्सिंग को लेकर आईसीसी के अलावा संबंधित देशों के क्रिकेट बोर्ड ने भी सख्त नियम बनाए हैं। पहले की तुलना में अब मैच फिक्सिंग के मामल कम दिखते हैं। लेकिन फिर भी पूर्व में कुछ ऐसे भारतीय क्रिकेटर रहे हैं जिन पर फिक्सिंग का आरोप लगा है और वे इस मामले में बरी भी हुए, लेकिन उनका करियर खत्म हो गया।
1.एस श्रीसंत (S Sreesanth)
इस मामले में पहले नंबर पर आते हैं एस श्रीसंत। श्रीसंत को साल 2013 में आईपीएल के दौरान राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए फिक्सिंग के आरोप में बैन किया गया था। श्रीसंत को लाइफटाइम के लिए बैन किया गया था। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उनके उपर से लाइफटाइम बैन हटाते हुए उन्हें दोषमुक्त कर दिया था। लेकिन अब भारतीय टीम में उनकी वापसी के आसार कर ही नजर आते हैं।
2. अजय जडेजा (Ajay Jadeja)
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अजय जडेजा को एक आक्रामक खिलाड़ी के रूप में जाना जाता था। इनके उपर भी मैच फिक्सिंग के आरोप लगे थे। इस कारण से उन्हें 5 साल तक के लिए बैन कर दिया गया था और फिर उनका कैरियर खत्म हो गया। बतादें कि जनवरी 2003 में दिल्ली हाई कोर्ट ने उनके उपर लगे आरोपों से उन्हें खारिज कर दिया और उन्हें खेलने के योग्य माना। लेकिन एक बार बैन लग जाने के बाद फिर उन्हें कभी टीम में जगह नहीं मिली। फिलहाल अजय आंशिक रूप से क्रिकेट से जुड़े हुए हैं और कमेंट्री करते हैं।
3. मनोज प्रभाकर (Manoj Prabhakar)
मनोज प्रभाकर को भी मैच फिक्सिंग के आरोप के बाद बैन किया गया था। बतादें कि उनका नाम तहलका फिक्सिंग कांड में आया था। उन्होंने खुद फिक्सिंग में शामिल होने की बात स्वीकार की थी। इसके बाद BCCI ने उन्हें क्रिकेट खेलने से बैन कर दिया था। ज्ञात हो कि मनोज प्रभाकर का सटोरियों से गठजोड़ था। इस वजह से उन्हें क्रिकेट में 5 साल के लिए बैन कर दिया गया था। बाद में वह भारतीय टीम में कभी नहीं लौटे।
4. नयन मोंगिया (Nayan Mongia)
इनका नाम भारतीय टीम के शानदार विकेटकीपरों में लिया जाता है। नयन मोंगिया भी उसी समय फिक्सिंग कांड में आरोपित हुए जिस समय अजय जडेजा और मनोज प्रभाकर का नाम आया था। उन्हें भी बीसीसीआई ने बैन कर दिया था। बाद में वह टीम में कभी वापसी नहीं कर पाए।
5. मोहम्मद अजहरूद्दीन (Mohammad Azharuddin)
मोहम्मद अजहरूद्दीन को भारतीय टीम के कप्तान रहते हुए बैन किया गया था। अजहरूद्दीन पर साल 2000 में मैच फिक्सिंग स्कैंडल में शामिल होने के आरोप लगे थे। इसके बाद BCCI ने उन्हें लाइफटाइम के लिए बैन कर दिया था। इस बैन के बाद उनका करियर खत्म हो गया। हालांकि बाद में उन्होंने कोर्ट में अपील की और उन्हें बरी भी किया गया लेकिन तब तक उनकी उम्र हो चुकी थी और वे फिर कभी वापसी नहीं कर सके।