नई दिल्ली। खालिस्तान को लेकर भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में तनाव बढ़ता जा रहा है। जी20 के बाद से दोनों देशों के बीच विवाद फिर से शुरूहो गया है। जी20 के बाद कनाडा लौटते ही पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत के साथ ट्रेड मिशन को रोकने का ऐलान किया। बिना किसी कारण उन्होंने इस व्यापारिक संधि को स्थगित करने का फैसला सुना दिया। अगर कनाडा का यही रवैया रहा तो जाहिर है कि इसका असर दोनों देशों के बीच व्यापार पर भी होगा। अगर कनाडा के रवैये के कारण भारत के साथ उनका ट्रेड प्रभावित हुआ तो कनाडा की इकॉनमी पर असर पड़ना तय है।
कनाडा के साथ व्यापारिक रिश्ते
भारत और कनाडा के बीच अब तक के व्यापारिक संबंध अच्छे रहे हैं। भारत कनाडा का 10वां ट्रेडिंग पार्टनर रहा है। दोनों देशों के बीच आयात-निर्यात लगभग बराबर के हैं। वित्त वर्ष 2023 में भारत ने कनाडा को 4.11 अरब डॉलर यानी करीब 34 हजार करोड़ रुपये का सामान निर्यात किया। वहीं भारत का कनाडा से इंपोर्ट 4.17 अरब डॉलर यानी 35 हजार करोड़ से कुछ कम रहा है।
दोनों देशों के बीच वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 7 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। वहीं वित्त वर्ष 2022-23 में 8.16 अरब डॉलर का व्यापार हुआ। हालांकि ट्रेड को लेकर कनाडा की निर्भरता भारत पर अधिक है।
भारत कनाडा को क्या-क्या निर्यात करता है
भारत कनाडा को हीरे-जवाहरात, बहूमूल्य रत्न , दवाईयां, रेडीमेड कपड़े, अनस्टिच कपड़े, ऑर्गनिक रसायन, हल्का इंजीनियरिंग समान, लोहा और स्टील निर्यात करता है। भारत और कनाडा के बीच व्यापार आसान होने की वजह से भारत ने वहां बड़ा निवेश किया है। भारत में 600 से कनाडाई कंपनियां काम कर रही है। कनाडा के साथ संबंध बिगड़ने पर वहां नौकरी-धंधे पर भी असर होगा।
भारत कनाडा से कृषि और बागबानी से जुड़े उत्पाद खरीदता है। कनाडा में इस बिजनेस में अधिकांश भारतीय मूल के पंजाबियों का वर्चस्व है। अगर दोनों देशों के बीच ट्रेड प्रभावित होता है कि इसकी सीधी मार कनाडा में कृषि और बागबानी के व्यवसाय से जुड़े लोगों पर होगा। साल 2017 में ऐसा देखा जा चुका है, जब भारत ने पीली मटर की दाल आयात पर अंकुश लगाने के लिए टैरिफ बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया था।
कनाडा से क्या खरीदता है भारत
भारत कनाडा से दाल, न्यूजप्रिंट, कोयला, फर्टीलाइजर, दालें, वुड पल्प और एल्युमीनियम जैसे सामान इंपोर्ट करता है। अगर विवाद बढ़ता है तो भारत किसी दूसरे मित्र देश से इन सामनों को इंपोर्ट कर सकता है। भारत कनाडा से दाल की सबसे ज्यादा खरीदारी करता है।
अगर खपत और उत्पादन की बात करें तो भारत में 230 लाख टन दाल की खपत है, जबकि पैदावार कम है। ऐसे में भारत कनाडा से ये खरीदता है। हालांकि इसके लिए भारत के पास अन्य मित्र देशों का विकल्प खुला है। भारत इन सामानों के लिए कनाडा पर निर्भर नहीं है। अगर विवाद बढ़ा तो असर दोनों पर होगा।
विवाद क्या है मामला
भारत और कनाडा में विवाद की शुरुआत 9 और 10 सितंबर के दौरान ही शुरू हो गई थी। जी 20 में शामिल होने के लिए कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो भारत आए। इस दौरान उनकी मुलाकात भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हुई। पीएम मोदी ने ट्रूडो के समक्ष खालिस्तानी गतिविधियों का मामला उठाया था। उन्होंने ट्रुडो से कनाडा में अलगाववादी गतिविधियों को रोकने के लिए पर्याप्त क़दम उठाने को कहा।
जी 20 के बाद दो दिन को ट्रुडो भारत में ही रहे। विमान में तकनीकी खराबी आ जाने के चलते उन्हें भारत में रहना पड़ा। कनाडा लौटने पर उनकी काफी किरकिरी हुई। अपने देश लौटते ही ट्रुडो आक्रमक दिखें उन्होंने भारत पर कनाडा की घरेलू राजनीति में दखल देने का आरोप लगाया।
ट्रूडो ने आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मुद्दे को भी उठाया और कहा कि हरदीप सिंह निज्जर कनाडा का नागरिक था और उसकी भारत ने हत्या करवाई , जिसके बाद से दोनों देशों के बीच विवाद काफी बढ़ता जा रहा है।
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