ग्वालियर। अब तक आपने दलितों और पिछड़ों के शोषण की खबरें तो खूब सुनीं होंगी, लेकिन प्रदेश के जिले ग्वालियर में इसके उलट मामला सामने आया है। यहां एक ब्राह्मण परिवार के 25 सदस्य यहां रहने वाले एससीएसटी समाज से प्रताड़ित होकर मुस्लिम धर्म अपनाना चाहते हैं। इसको लेकर इस परिवार के सदस्यों ने मामले की जानकारी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ग्वालियर कलेक्टर को पत्र भी लिखा है। अब यह लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस लेटर के वायरल होने के बाद पुलिस और प्रशासन ने भी मामले में संज्ञान लिया है। मंगलवार को प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने ब्राह्मण परिवार से संपर्क किया है।
इस परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि यहां रहने वाले एसएसटी समाज के लोग उन्हें लंबे समय से प्रताड़ित कर रहे हैं। पीएम मोदी और ग्वालियर कलेक्टर को भेजे गए पत्र में इस परिवार ने लिखा कि यहां रहने वाले उमरैया समाज के लोग हमें प्रताड़ित करते हैं। वे हमारे बच्चों को बच्चों और परिवार के सदस्यों को पीटते हैं और हम पर ही एसएसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराने की धमकी देते हैं। उमरिया समाज के लोगों के राजनेताओं ने अच्छे संबंधों के चलते पुलिस हमारी मदद नहीं करती है। इस कारण हमें इस्लाम धर्म अपनाने की इजाजत दें। हो सकता है मुस्लिम समाज हमें इस प्रताड़ना से बचा ले।
हरकत में आई पुलिस
इस पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया है। मंगलवार को पुलिस ने पीड़ित परिवार से बात की। साथ ही यहां रहने वाले दलित समाज के लोगों को भी समझाइश दी है। ब्राह्मण परिवार के एक सदस्य का वीडियो भी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कहा गया है कि हमारा परिवार उमरैया समाज के लोगों के साथ अच्छे से रहा है, लेकिन बीते कुछ सालों से उन लोगों ने हमारे परिवार को प्रताड़ित किया है। वे जानते हैं कि उनके सत्ताधारी दल के कुछ नेताओं से अच्छे संबंध हैं।
इस कारण पुलिस भी उनके खिलाफ कार्रावाई नहीं करती है। इसीलिए वे लगातार हमारे परिवार को प्रतिड़ित करते हैं। इस कारण हमारे पास धर्म बदलने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। हालांकि मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस और प्रशासन हरकत में आए हैं। ग्वालियर एएसपी सतेंद्र सिंह तोमर ने मीडिया को बताया कि दोनों पक्षों को शांति से रहने की समझाइश दी गई है। हमने शिकायतकर्ता परिवार को आश्वासन दिया है कि उन्हें पूरी सुरक्ष दी जाएगी और उन्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।