Image source- @JackMa
नई दिल्ली। चीन के बड़े कारोबारी और अलीबाबा ग्रुप (Alibaba group)के सीईओ जैक मा को लेकर मीडिया में एक खबर सामने आई कि वे पिछले दो महीने से लापता हैं। गायब करने का आरोप चीन की सरकार पर लग रहा है। जैक पिछले कुछ महीनों से चीन की सरकारी एजेंसियों के कामकाज पर सवाल उठा रहे थे। इसलिए माना जा रहा है कि चीन की सरकार उनके बागी तेवर को देखते हुए उन्हें गायब कर दिया है। वे ना तो कोई सार्वजनिक कार्यक्रम में दिख रहे हैं और ना ही उन्हें अपने टीवी शो पर देखा गया है।
दुनिया के 25वें अमीर इंसान हैं जैक मा
ब्लूमबर्ग बिलियनर्स इंडेक्स के मुताबिक जैक मा (Jack Ma) दुनिया के 25वें सबसे अमीर इंसान हैं और चीन के सबसे अमीर लोगों में उनका नाम आता है। इनकी कुल संपत्ति 460 अरब डॉलर की है। चीन में इन्होंने ई-कॉमर्स के क्षेत्र में अपनी धाक जमाई हुई है। अलीबाबा ग्रुप चीन की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी है। चीन में उन्हें इंटरनेट, ऑनलाइन कारोबार और अर्थव्यवस्था में बेहतरी के लिए जाना जाता है।
18 लोगों के साथ शुरू किया था अलीबाब ग्रुप
जैक ने 1999 में जब अलीबाबा ग्रुप की शुरूआत की थी तो उस वक्त उनका एक ही उद्देश्य था, चीन के घरेलु कारोबारियों को विश्व के थोक कारोबारियों से जोड़ना। उस वक्त उन्होंने ये काम 18 लोगों के साथ शुरू किया था। लेकिन आज की तारीख में अलीबाबा ग्रुप में 66 हजार स्थाई कर्मचारी काम करते हैं। भारत में भी इन्होंने काफी निवेश किया है। पेटीएम, बिगबास्केट, जोमाटो आदि में अलिबाबा ग्रुप की हिस्सेदारी है।
केएफसी ने उन्हें कर दिया था रिजेक्ट
जैक मा को लेकर कई किस्से हैं। कहा जाता है कि कंपनी शुरू करने से पहले उन्होंने काफी स्ट्रगल किया है। वे 30 बार के करीब अलग-अलग कंपनियों में नौकरी के लिए रिजेक्ट हो चुके हैं। अमेरिकी फास्ट फूट रेस्टोरेंट केएफसी (KFC) में भी उन्होंने नौकरी के लिए ट्राय किया था। लेकिन उनका सलेक्सन नहीं हुआ। उनके साथ कुल 23 लोग और थे जिन्हें नौकरी दे दी गई। लेकिन जैक मात्र अकेल ऐसे इंसान थे जिन्हें कंपनी ने काम के लायक नहीं समझा था। उन्होंने फिर भी हार नहीं मानी और आज वो कितने कामयाब हैं ये सबके सामने है।
अलीबाबा शुरू करने से पहले उन्होंने कई काम किए
अलीबाबा ग्रुप बनाने से पहले जैक मा कई कंपनियों के साथ काम कर चुके हैं। इतना ही नहीं उन्होंने टूरिस्ट गाइड का भी काम किया है। लेकिन जैसे ही चीन में इंटरनेट की पहुंच बढ़ी उन्होंने कारोबार करने की ठानी। सबसे पहले उन्होंने अपने दोस्तों से पैसे उधार लिए और अलिबाबा डॉट कॉम (Alibaba.com) की शुरुआत की। उस समय तक चीन में एक प्रतिशत लोगों के पास ही इंटनेट की पहुंच थी।
क्या है पूरा मामला
जैक मा ने पिछले दिनों चीन सरकार से नाराज हो कर ये अपील की थी कि चीन के सिस्टम में बदलाव किया जाए। यहां कोई नई बिजनेस शुरू करने का प्रयास करता है तो उसे बढ़ावा देने के बजाय दबाने की कोशिश की जाती है। इसके साथ ही उन्होंने वैश्विक बैंकिंग नियमों को बुजुर्गों का क्लब बताया था। ये बात चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी को नागवार गुजरी और उनके बयान को पार्टी पर हमले के रूप में देखा गया। जिसके बाद राष्ट्रपति जिनपिंग के आदेश पर उनकी कंपनी के नए प्रोजेक्ट आईपिओ (IPO) को निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही उन्हें चीन से बाहर जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। इन्हीं कार्यवाईयों के बाद से जैक मा को कहीं नहीं देखा गया है।