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Sabarmati Train Accident: कानपुर में पटरी से उतरी साबरमती एक्सप्रेस, हादसे के बाद 6 ट्रेनें रद्द; हेल्पलाइन नंबर जारी

Sabarmati Train Accident: UP के कानपुर में देर रात एक ट्रेन हादसा हो गया है। साबरमती एक्सप्रेस के 20 डब्बे पटरी से उतर गए।

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aman sharma
Sabarmati Train Accident

Sabarmati Train Accident

Sabarmati Train Accident: उत्तर प्रदेश के कानपुर में देर रात एक ट्रेन हादसा हो गया है। कानपुर और भीमसेन स्टेशन के बीच साबरमती एक्सप्रेस के 22 डब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। वहीं, इसके अलावा पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी-रंगा पानी में ईंधन ले जा रही मालगाड़ी डिरेल हो गई।

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https://TWITTER.com/BansalNewsMPCG/status/1824648062863618284

सिलीगुड़ी में ये एक्सीडेंट एक प्राइवेट यार्ड में हुआ है। वहीं, हादसे को लेकर ट्रेन ड्राइवर का कहना है कि प्रथम दृष्टया बोल्डर के इंजन से टकराने की वजह से हुआ। दरअसल, जैसे ही इंजन से बोल्डर टकराया, तभी इंजन का कैटल गार्ड बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया।

https://twitter.com/ani_digital/status/1824636385443164243

ट्रैक पर रखी चीज से टकराया इंजन

साबरमती एक्सप्रेस वाराणसी से अहमदाबाद की ओर जा रही थी, तभी कानपुर-भीमसेन स्टेशन के बीच पहुंचते ही देर रात करीब 2:35 बजे ट्रैक पर रखी किसी चीज से टकरा गया। इसके बाद ट्रेन पटरी से उतर गई। शुरुआती जांच में इसके कुछ निशान मिले हैं। वहीं, कुछ निशान लोको से 16वें कोच के पास मिले हैं, लेकिन रेलवे ट्रैक में किसी भी तरह के फ्रैक्चर नहीं मिले हैं।

https://twitter.com/ANI/status/1824628523295969519

रेल मंत्री ने किया ट्वीट

https://twitter.com/AshwiniVaishnaw/status/1824624684413096365

सोशल मीडिया एक्स पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव कहा कि साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन हादसे के साक्ष्य सुरक्षित कर लिए गए हैं। आईबी और उत्तर प्रदेश पुलिस भी मामले की जांच में जुट गई है। वहीं, इस हादसे में इसी भी यात्री या कर्मचारी को चोट नहीं आई है। वहीं, यात्रियों के लिए अहमदाबाद के लिए ट्रेन की व्यवस्था की गई है।

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70 फीसदी हादसों में पटरी से उतरी ट्रेन

वर्ष 2019-20 में सरकारी रेलवे सुरक्षा की रिपोर्ट में यह पाया गया कि 70 फीसदी रेलवे दुर्घटनाओं के लिए उनका पटरी से उतरना जिम्मेदार माना जाता है। पिछले 68 वर्षों में पटरी से ट्रेनें उतरने की घटनाएं बढ़ी हैं। इन हादसों का कारण रेलवे ट्रैक का रखरखाव माना जा सकता है।

दरअसल, रेलवे पटरियां जिस धातु से बनाई जाती हैं, वह गर्मी के महीने में फैलती है और सर्दियों के महीने में तापमान में उतार चढ़ाव आने के कारण सिकुड़ती जाती हैं। इस लिए उन्हें नियमित रखरखाव की आवश्यता होती है।

कैसे रोके ऐसी घटनाएं

ट्रेन को पटरी से उतरने के लिए रोकने के लिए सबसे पहले ढ़ीले ट्रैक को कसना काफी जरूरी हो जाता है। वहीं, स्लीपर बदलने से लेकर अन्य आवश्यक चीजों मं भी बदलाव जरूरी है। साथ ही रेलवे ट्रैक पर चिकनाई और समायोजन स्विच। ट्रैक निरीक्षण पदैल, ट्रॉली, लोकोमोटिव और अन्य वाहनों द्वारा किया जाता है।

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भारतीय रेलवे का सुझाव है कि ट्रैक-रिकॉर्डिंग कारों को हर तीन महीने में कम से कम एक बार 110km/h घंटा से लेकर 130km/h घंटे तर की स्पीड बनाए रखने के लिए डिजाइन किए गए ट्रैक का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करना चाहिए।

रेलवे ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

हादसे के बाद रेल प्रशासन की तरफ से यात्रियों की सुविधा के सभी इंतजाम किए गए हैं। सभी यात्रियों को बस से कानपुर भेजा जा रहा है। वहीं, घटनास्थाल पर वरिष्ठ अधिकारी और कंट्रोल रूम मौजूद हैं। जबकि दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन को हटा दिया गया है। यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी से बचाने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।

जारी किए हेल्पलाइन नंबर
  • प्रयागराज 0532-2408128, 0532-2407353
  • कानपुर 0512-2323018, 0512-2323015
  • मिर्जापुर 054422200097
  • इटावा 7525001249
  • टुंडला 7392959702
  • अहमदाबाद 07922113977
  • बनारस सिटी 8303994411
  • गोरखपुर 0551-2208088
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