हाइलाइट्स
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छोटे-छोटे व्यवसायों को विश्वकर्मा योजना में किया शामिल
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दो किश्तों में हितग्राही को कारोबार शुरू करने मिलती है राशि
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पारंपरिक व्यवसाय को हस्तांतरित करना सरकार का उद्देश्य
PM Vishwakarma Yojana: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, एक ऐसी योजना है, जिसके माध्यम से हर वर्ग का जरूरतमंद व्यक्ति इसका लाभ ले सकता है।
इस योजना को सरकार ने पिछले साल सितंबर 2023 में लॉन्च किया था। इस योजना में छोटे-छोटे व्यवसाय करने वाले एक बड़े वर्ग को लाभ पहुंचाने का उद्देश्य सरकार ने निर्धारित किया है।
बता दें कि पीएम विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) में केंद्र सरकार ने 18 पारंपरिक व्यापारों को शामिल किया है।
अगर आप भी इस योजना से जुड़ना चाहते हैं, तो पात्र लोग योजना से जुड़कर लाभ ले सकते हैं क्योंकि इस योजना में आर्थिक लाभ देने का प्रावधान है।
जिसमें सरकार बिना गारंटी के लोन दे रही है। इस स्कीम का लाभ किस तरह से ले सकते हैं आइए जानते हैं…
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कौशल का विस्तार करना उद्देश्य
बता दें कि इस योजना (PM Vishwakarma Yojana) का मकसद गुरु-शिष्य परंपरा या विभिन्न परिवारों द्वारा परंपरागत रूप से किए जाने वाले कौशल के कार्यों को विकसित करना
और लोगों को हस्तशिल्प और कौशल को एक हाथ से दूसरे हाथ हस्तांतरित करना है। इस योजना से गुणवत्ता सुधरेगी।
साथ ही हस्तशिल्पियों के उत्पादों और सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी। विश्वकर्मा घरेलू व वैश्विक मूल्य श्रृंखला से जुड़ सकेंगे।
दो चरणों में मिलेगा लोन
पीएम विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) का लाभ लेकर यदि कोई व्यक्ति अपना कारोबार शुरू कर सकता है।
इसके लिए इस योजना (PM Vishwakarma Yojana) के माध्यम से लोन के लिए आवेदन करना होगा। जिसमें 3 लाख रुपए तक का लोन का प्रावधान किया गया है।
ये दो चरणों में हितग्राही को दी जाएगी। कारोबार शुरू करने के लिए पहली किश्त 1 लाख रुपए और कारोबार क विस्तार के लिए 2 लाख रुपए का लोन दिया जाता है।
इस लोन के लिए आवेदक को कोई गारंटी देने की जरूरत नहीं है।
कौशल निखारने ट्रेनिंग भी
पीएम विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) का मकसद स्किल्ड लोगों को आर्थिक मदद देते हुए उन्हें कारोबार के लिए प्रोत्साहित करना है।
विभिन्न ट्रेड से जुड़े लोगों को उस सेक्टर में कारोबार जमाने के लिए स्किल ट्रेनिंग की भी व्यवस्था की गई है। इस ट्रेनिंग के दौरान हितग्राही को स्टाइपेंड देने का प्रावधान भी किया गया है।
कौशल को और निखारने के लिए मास्टर ट्रेनरों के जरिए करीब सप्ताहभर की ट्रेनिंग भी दी जाती है और 500 रुपए प्रतिदिन स्टाइपेंड भी मिलता है।
इन व्यवसायों को किया शामिल
बता दें कि पीएम विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) में 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है। इनमें बढ़ई, सुथार, नाव निर्माता,
अस्त्र बनाने वाले, लोहार हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाले, गोल्डस्मिथ सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार पत्थर तराशने वाले, पत्थर तोड़ने वाले,
मोची जूता कारीगर, मेसन राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/जूट बुनकर, गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक), नाई, माला बनाने वाले,
धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने का जाल आदि बनाने वाले को शामिल किया गया हैं।