हजारीबाग। झारखंड के हजारीबाग में सरस्वती पूजा के बाद रविवार शाम मूर्ति विसर्जन के दौरान दो समुदायों में हुई झड़प में 17 वर्षीय किशोर रूपेश कुमार पांडेय की हत्या के बाद ठप की गई इंटरनेट सेवा को मंगलवार देर शाम बहाल कर दिया गया।
सांप्रदायिक तनाव फैलने से इंटरनेट बंद
पांडेय की हत्या के बाद हजारीबाग एवं आसपास के चार जिलों रामगढ़,चतरा,गिरिडीह, कोडरमा में फैले सांप्रदायिक तनाव को देखते हुए इन जिलों में इंटरनेट सेवा ठप कर दी गई थी। पुलिस ने दावा किया कि किशोर की हत्या में शामिल और दंगा फैलाने की कोशिश करने वाले चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चौथे ने दावा किया कि रविवार शाम सरस्वती प्रतिमा विसर्जन के दौरान जिस किशोर रुपेश कुमार पांडेय की हत्या की गई उसका प्रतिमा विसर्जन जुलूस से कोई सम्बंध नहीं था। उन्होंने यह भी दावा किया कि किशोर की हत्या उसके किसी पुराने विवाद से जुड़ी घटना है। हालांकि यह पूछे जाने पर कि सरस्वती प्रतिमा विसर्जन के दौरान ही यह घटना कैसे हुई, पुलिस अधीक्षक कुछ नहीं कह सके। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। मनोज ने बताया कि अब हजारीबाग में स्थिति नियंत्रण में है।
100 लोगों के खिलाफ आरोप दर्ज
मनोज ने बताया कि रूपेश के परिजनों की शिकायत पर प्राथमिकी भी दर्ज की गई है जिसमें 27 नामजद सहित 100 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है। इस बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने आरोप लगाया है कि भीड़ ने जिस प्रकार सरस्वती प्रतिमा विसर्जन के दौरान घेर कर रुपेश पांडेय की हत्या की वह एक भीड़ हिंसा है और इसी आधार पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार वास्तविक अपराधियों को बचाने की कोशिश में है।