रायपुर: वो कहते हैं ना जिसकी मौत जब आती है वह तभी मरता है। ऐसा की हुआ है ओडिशा के एक गांव में रहने वाले युवक के साथ। दरअसल, पारिवारिक विवाद के चलते युवक आत्महत्या करने के लिए घर से निकला और छत्तीसगढ़ के खरियार रोड रेलवे स्टेशन से करीब तीन किलोमीटर पहले मालगाड़ी के सामने पटरी पर लेट गया।
युवक को लेटा देख लोको पायलट ने हार्न बजाया और आपातकालीन ब्रेक भी लगाया। इससे ट्रेन की स्पीड कम हो गई लेकिन रुकी नहीं और युवक के उपर से एक के बाद एक 16 बोगियां निकलती गईं। लेकिन जब RPF जवानों ने उसे बोगियों के नीचे से बाहर निकाला तो युवक बेहोश था। अस्पताल ले जाने के बाद उसे होश आया, जिसके बाद परिजनों को पता चला तो अस्पताल पहुंचे और युवक को समझाकर घर ले गए।
पारिवारिक विवाद के चलते की आत्महत्या की कोशिश
नुआपड़ा जिले के गोतमा गांव में नुआपड़ा में 22 अक्टूबर की शाम टिकेश्वर नशे में अपने घर पहुंचा। इस हालत में देख पिता से कहासुनी हो गई जिससे नाराज होकर टिकेश्वर आत्महत्या करने के लिए घर से निकल गया और ट्रेन की पटरी पर जाकर लेट गया। लेकिन ट्रेन की 16 बोगियां उपर से गुजर जाने के बाद भी युवक बच गया।
लोको पायलट ने लगाए तत्काल आपातकालीन ब्रेक
RPF के ASI मंगल सिंह नाग ने टिटलागढ़ से रायपुर की ओर जा रही मालगाड़ी के लोको पायलट एन. माहंतो के हवाले से बताया कि उन्होंने रात करीब साढ़े 11 बजे टिकेश्वर को पटरी पर देखा। ट्रेन आती देख वह अचानक पटरी पर लेट गया। खतरे को भांपते हुए लोको पायलट ने तत्काल आपातकालीन ब्रेक लगाई, बावजूद इसके तेज रफ्तार मालगाड़ी की 16 बोगियां धड़धड़ाते हुए युवक के ऊपर से गुजर गई। गाड़ी रकने के बाद लोको पायलट ने घटना की सूचना स्थानीय स्टेशन मास्टर को दी।
युवक को ले जाया गया अस्पताल
पुलिसकर्मी युवक को घटनास्थल से अस्पताल लेकर पहुंचे और युवक को बाहर निकाला तो वह बेहोश था। सरकारी अस्पताल में होश आने के बाद आरपीएफ ने पूछताछ की और घटना की सूचना रात दो बजे युवक के परिजनों को दी।