अब पानी की बर्बादी करने पर होगी 5 साल की सजा, 1 लाख तक का जुर्माना - Wastage of underground potable water now punishable will give 1 lakh jurmana and 5 years jail

अब पानी की बर्बादी करने पर होगी 5 साल की सजा, 1 लाख तक का जुर्माना

नई दिल्ली: पानी की बर्बादी या बेवजह इस्तेमाल करना अब आपको भारी पड़ सकता है। इसलिए अब पानी का इस्तेमाल बहुत संभल कर करना होगा। वरना आपको पानी बर्बाद करने पर आपको 1 लाख जुर्माना देना पड़ेगा। दरअसल, अगर कोई भी व्यक्ति और सरकारी संस्था अगर भूजल स्त्रोत से हासिल होने वाले पीने योग्य पानी (पोटेबल वाटर) की बर्बादी या बेवजह इस्तेमाल करता है तो यह एक दंडात्मक अपराध माना जाएगा।

बता दें कि इससे पहले भारत में पानी की बर्बादी को लेकर कोई दंड का कोई प्रावधान नहीं था। घरों की टंकियों के अलावा कई बार टैंकों से जगह-जगह पानी पहुंचाने वाली नागरिक संस्थाएं भी पानी की बर्बादी करती हैं।

CGWA के नए निर्देश के अनुसार देना होगा 1 लाख जुर्माना

केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड ( CGWA ) के नए निर्देश के अनुसार, पीने योग्य पानी का दुरुपयोग भारत में 1 लाख रुपये तक के जुर्माना और 5 साल तक की जेल की सजा होगा। वहीं CGWA ने पानी की बर्बादी को रोकने के लिए 08 अक्तूबर, 2020 को पर्यावरण (संरक्षण) कानून, 1986 की धारा पांच की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए प्राधिकरणों और देश के सभी लोगों को संबोधित करते हुए आदेश दिया और कहा कि-

इस आदेश के जारी होने की तारीख से संबंधित नागरिक निकाय जो कि राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में पानी आपूर्ति नेटवर्क को संभालती हैं और जिन्हें जल बोर्ड, जल निगम, वाटर वर्क्स डिपार्टमेंट, नगर निगम, नगर पालिका, विकास प्राधिकरण, पंचायत या किसी भी अन्य नाम से पुकारा जाता है, वो यह सुनिश्चित करेंगी कि भूजल से हासिल होने वाले पोटेबल वाटर यानी पीने योग्य पानी की बर्बादी और उसका बेजा इस्तेमाल नहीं होगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ( NGT ) ने बीते वर्ष 24 जुलाई, 2019 कोपानी की बर्बादी पर रोक लाने की मांग वाली याचिका पर पहली बार सुनवाई की थी। यह याचिका राजेंद्र त्यागी और गैर सरकारी संस्था फ्रैंड्स की ओर से की गई थी। इस मामले में करीब एक साल से ज्यादा समय गुजरने के बाद 15 अक्टूबर 2020 के एनजीटी के आदेश का अनुपालन करते हुए सेंट्रल जेल शक्ति मंत्रालय के अधीन केंद्रीय भुजल प्राधिकरण CGWA ने आदेश जारी किया है।

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