अहमदाबाद। गुजरात भगवान जगन्नाथ की 145वीं रथ यात्रा अहमदाबाद में शुक्रवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हो गई। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सुबह ‘पहिंद विधि’ रस्म अदा की, जिसमें रथ यात्रा की शुरुआत से पहले एक सुनहरी झाड़ू का उपयोग करके रथों को रास्ता साफ किया जाता है। इसके बाद, भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथ जमालपुर क्षेत्र के 400 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर से वार्षिक यात्रा के लिए निकले। रथ यात्रा शुरू होने से पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तड़के मंदिर में ‘मंगल आरती’ की थी। इस साल की रथ यात्रा को लेकर लोगों में काफी उत्साह है क्योंकि शहर में दो साल के अंतराल के बाद भव्य स्तर पर रथ यात्रा निकाली जा रही है।
लाखों लोग इकट्ठा होते हैं
कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण 2020 और 2021 में यह वृहद धार्मिक आयोजन सीमित तौर पर हुआ था। सामान्यत: ‘‘आषाढ़ी बीज’’ (आषाढ़ माह का दूसरा दिन) के दिन रथयात्रा के मार्ग में देवताओं और जुलूस की एक झलक पाने के लिए लाखों लोग इकट्ठा होते हैं, जिसमें सजे-धजे हाथी और कई झांकियां शामिल होती हैं। जमालपुर, कालूपुर, शाहपुर और दरियापुर जैसे कुछ सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों सहित पुराने शहर में 18 किलोमीटर लंबे मार्ग से गुजरने के बाद रथ रात करीब साढ़े आठ बजे मंदिर लौटेंगे। अधिकारियों ने बताया कि रथ यात्रा की सुरक्षा के लिए नियमित पुलिस, रिजर्व पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस के कम से कम 25,000 पुरुष और महिला कर्मियों को शहर के महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किया गया है।