देहरादून। (भाषा) उत्तराखंड में चमोली जिले (Chamoli Glacier Update) के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में चलाए जा रहे बचाव अभियान के आठवें दिन रविवार को 12 और शव मिलने से बाढ़ में मरने वालों की संख्या 50 हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि इनमें से पांच शव 520 मेगावाट की एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड सुरंग से मिले हैं जहां फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए पिछले एक सप्ताह से सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल और भारत तिब्बत सीमा पुलिस का संयुक्त बचाव अभियान युद्धस्तर पर जारी है। पुलिस के अनुसार, इसके अलावा छह शव रैंणी गांव से और एक शव रूद्रप्रयाग जिले से मिला है।
चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि सुरंग से मिले शवों में से दो की पहचान हो गयी है। एक की शिनाख्त टिहरी जिले के नरेंद्रनगर के रहने वाले आलम सिंह तथा दूसरे की पहचान देहरादून के कालसी के रहने वाले अनिल के तौर पर की गई है। उन्होंने कहा कि मौके पर एक हेलीकॉप्टर भी तैयार है जिससे अगर सुरंग से कोई व्यक्ति जीवित अवस्था में मिले तो उसे तत्काल मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।
.@uttarakhandcops की #SDRF के कमान्डेंट नवनीत भुल्लर 14 हजार फुट की ऊँचाई पर ऋषिगंगा में बनी झील पर पहुंचे और बताया कि झील से काफी अच्छी मात्रा में पानी डिस्चार्ज हो रहा है, इसलिए खतरे की कोई बात नही है।#Chamoli #Tapovan pic.twitter.com/dild9h0m8i
— Ashok Kumar IPS (@AshokKumar_IPS) February 13, 2021
अभी 165 लोग लापता, सर्च ऑपरेशन तेज
उत्तराखंड (Chamoli Glacier Update) पुलिस के मुताबिक, आपदा के बाद कुल 206 लोगों के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई गई थी। इनमें अभी 165 लोगों की तलाश जारी है। ऋषिगंगा, धौलीगंगा और आस-पास की नदियों में लोगों को तलाशने का काम तेज कर दिया है।
चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में सात फरवरी को आई बाढ़ के बाद अब तक 50 शव बरामद हो चुके हैं जबकि 154 अन्य अभी भी लापता हैं। इन लापता लोगों में तपोवन सुरंग में फंसे लोग भी शामिल हैं। बाढ़ के कारण 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गई जबकि तपोवन विष्णुगाड को भारी क्षति पहुंची थी।