बिलासपुर। जिले की केंद्रीय जेल से आज 11 कैदियों को रिहा किया गया है। बीते 5 नवंबर को जेल में लोक अदालत का आयोजन किया गया था। इसमें इन कैदियों को रिहा करने पर फैसला लिया गया था।
बता दें कि ये कैदी पिछले कई सालों से जेल में बंद थे। जो अब रिहा चुके है, रिहा हुए कैदियों के चेहरों पर खुशी की झलक साफ दुखाई पड़ रही है। इन कैदियों की रिहाई ऐसे समय पर हुई जब दीपावली को दो दिन शेष बचे हैं। ऐसे में अब ये 11 लोग भी अपनों के साथ त्योहार मना सकेंगे।
जेल में ही लगी थी लोक अदालत
बता दें कि बीते 5 नवंबर को ही लोक आदालत ने ऐसे बंदी जो किसी अपराध की सजा के तौर पर न्यूनतम समय जेल में रह चुके हैं। उनको रिहा करने का फैसला लिया गया था। रिहा होने वाले कई कैदियों की आंखों में तो आसू तक आ गए।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमाशंकर प्रसाद के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा उक्त जेल लोक अदालत के लिए न्यायिक दंडाधिकारियों की कुल आठ खंडपीठ बनाई गई थी।
विशेष अभियान के तहत हुई रिहाई
बता दें कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार यूटीआरसी स्पेशल कैंपेन चलाया जा रहा है। विशेष अभियान के तहत बीते चार अक्टूबर को जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमाशंकर प्रसाद की अध्यक्षता में जिला न्यायालय बिलासपुर के सभागार यूटआरसी की विशेष बैठक की गई थी।
जिसमें केन्द्रीय जेल बिलासपुर व उपजेल पेंड्रारोड में निरूद्ध 37 विचाराधीन बंदियों के संबंध में अनुशंसा की गई।
इन बंदियों को किया गया रिहा
बाक्स जेल में बंद इन बंदियों को मिली आजादी केन्द्रीय जेल बिलासपुर से 5 नवंबर को राज्य स्तरीय वृहद जेल लोक अदालत लगाकर बंदी प्रदीप धुर्वा, करन साहू, मनबोध रात्रे, सूरज कुर्रे, राहुल देवदास, अंकित रजक, कमलेश साहू, ओमप्रकाश गोड़, अजय ठाकुर, पप्पू साहू, रंजीत सिंह ठाकुर, रमेश गुप्ता, तीजन बाई, सत्या बाई नवरंग, मोहम्मद वाजिद खान को रिहा किया गया।
वहीं उप जेल पेण्ड्रारोड से बंदी नरेन्द्र सिंह मार्को, अमन राठौर, सूरज सिंह कोर्राम, शिवशंकर भारिया को रिहा किया गया है। अनुशंसा के आधार पर 20 विचाराधीन बंदियों को जमानत का लाभ दिया गया। ये बंदी भी अपने परिवार के साथ दिवाली में उत्सव मनाएंगे।
जेल के भीतर भीड़ में होगी कमी
विशेष अभियान के तहत बिलासपुर सेंट्रल जेल व उपजेल पेंड्रारोड में बंदी व विधाराधीन कैदियों के प्रकरणों की सुनवाई की गई। जेल लोक अदालत के तहत 11 बंदियों को रिहा किया गया। यूटीआरसी के विशेष अभियान से 20 बंदियों को जमानत पर छोड़ा गया है।
इससे जेल के भीतर अतिरिक्त भीड़ में कमी आएगी। रोकेश सिंह सोरी, सिचव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर।
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