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गुना। जिले में 10 मजदूर आखिरकार दबंगों के चंगुल से छूटकर guna news वापस लौट आए हैं। मजदूरों ने बताया कि कुछ दबंगों ने उन्हें बंधक बना लिया था और उनसे बंधुआ मजदूरी कराते थे। इतना ही नहीं मजदूरों को गर्म तेल में हाथ डालने पर भी मजबूर किया करते थे, जैसे.तैसे दंबंगों के चंगुल से छूटकर सभी भाग निकले और बंधुआ मुक्ति मोर्चा के पदाधिकारियों के पास मदद की गुहार लगाई, जिसके बाद पदाधिकारियों ने इसकी जानकारी प्रशासन को दी और अधिकारियों ने मजदूरों के बयान दर्ज किए। मजदूरों की आपबीती सुनकर अधिकारियों के भी रोंगेटे खड़े हो गए।
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आपबीती सुनाई, उससे रोंगटे खड़े हो जाते
राघौगढ़ के पास राजपुरा गांव में सालों से दबंगों का जुल्म बर्दाश्त कर रहे 10 बंधुआ मजदूर भागकर बंधुआ मुक्ति मोर्चा के पदाधिकारियों के पास पहुंचे। इनमें से एक की पत्नी व 3 बच्चे तो अभी भी दबंग किसानों के कब्जे में हैं। मोर्चा के पदाधिकारी सोमवार शाम को उन्हें राघौगढ़ एसडीएम के पास ले गए। वहां तहसीलदार, टीआई और लेबर इंस्पेक्टर ने उनके बयान लिए। इन लोगों ने जो आपबीती सुनाई, उससे रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
तीन मजदूरों को यह सजा दी गई
उन्होंने बताया कि करीब एक माह पूर्व भी उन्होंने भागने की कोशिश की थी लेकिन नाकाम रहे। इसके बाद उनके मालिकों ने उन्हें मजबूर किया कि वे अपने हाथ गर्म तेल में डालें। तीन मजदूरों को यह सजा दी गई। इनमें से अधिकांश बीते 3 से 15 साल से बंधक हैं। एक तो तब से बंधुआ है जब वह नाबालिग था। पहले वह पिता का कर्ज उतार रहा था अब खुद का। इनमें से किसी ने भी 1 लाख से ज्यादा का एडवांस पैसा नहीं लिया। पूरे परिवार के साथ 16 से 18 घंटे काम करने के बाद भी वे पैसा चुकता नहीं कर पाए हैं।
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