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नई दिल्ली। 10% EWS Reservation इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है जहां पर सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से कमजोर तबके को 10% आरक्षण दिए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने भी सही ठहराया है। फैसले में 5 न्यायाधीशों में से 3 ने EWS आरक्षण के सरकार के फैसले को संवैधानिक ढांचे का उल्लंघन नहीं माना है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
आपको बताते चलें कि, सुप्रीम कोर्ट की कॉज लिस्ट के अनुसार CJI यूयू ललित और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी एक साथ फैसला सुनाएंगे। वहीं, जस्टिस एस रवींद्र भट्ट, जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला अलग-अलग फैसला पढ़ेंगे। आपको बताते चलें कि, EWS के पक्ष में जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने फैसला सुनाया है। आपको बताते चलें कि, जनवरी 2019 में 103वें संविधान संशोधन के तहत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में EWS आरक्षण लागू हुआ।
50% बैरियर को नहीं तोड़ा सरकार ने
आपको बताते चलें कि, इस मामले में केंद्र की ओर से पेश तत्कालीन अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुनवाई के दौरान कहा था कि आरक्षण के 50% बैरियर को सरकार ने नहीं तोड़ा। बताया जा रहा है कि, 1992 में सुप्रीम कोर्ट ने ही फैसला दिया था कि 50% से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए ताकि बाकी 50% जगह सामान्य वर्ग के लोगों के लिए बची रहे। यह आरक्षण 50% में आने वाले सामान्य वर्ग के लोगों के लिए ही है। आपको बताते चलें कि, बेंच ने मामले की साढ़े छह दिन तक सुनवाई के बाद 27 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। CJI ललित 8 नवंबर यानी मंगलवार को रिटायर हो रहे हैं।
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