नयी दिल्ली, 14 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसे कोई संदेह नहीं है कि कोविड-19 पर एक समिति की सिफारिशों पर गौर कर रही शहर की आप सरकार राष्ट्रीय राजधानी में महामारी से और मरीजों के इस रोग से उबरने के बाद पेश आने वाली समस्याओं से निपटने में अत्यधिक सक्रियता से काम करेगी।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने दिल्ली सरकार द्वारा दाखिल की गई एक स्थिति रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद यह टिप्पणी की।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वह (दिल्ली सरकार) एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों पर विचार कर रही है, जिसमें कोविड से उबरने के बाद स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों को टेलीमेडिसीन सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना शामिल है।
समिति ने यह भी सिफारिश की है कि कोविड-19 से उबरने के बाद मरीजों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए दिल्ली के बड़े अस्पतालों में मध्य अक्टूबर 2020 से ‘फॉलो अप क्लीनिक’ भी संचालित किये जा रहे हैं। इन्हें अन्य कोविड अस्पतालों में भी स्थापित किया जा सकता है।
दिल्ली सरकार के अतिरिक्त वकील सत्यकाम ने पीठ से कहा कि सिफारिशों पर तत्परता से विचार किया जा रहा है और यथाशीघ्र उपयुक्त निर्णय लिया जाएगा।
स्थिति रिपोर्ट में यह भी कह गया है कि दिल्ली सरकार तत्परता से जांच करने पर ध्यान दे रही है और जांच एवं संक्रमित के संपर्क में आये व्यक्ति का पता लगाने की रणनीति के चलते संक्रमण की दर एक प्रतिशत या इससे कम रख पाने में मदद मिली है।
दिल्ली सरकार ने अदालत से यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में जांच और संक्रमित के संपर्क में आये व्यक्ति का पता लगाने की यह गति जारी रखी जाएगी।
अदालत ने स्थिति रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद कहा, ‘‘हमें कोई संदेह नहीं है कि लोगों की जान बचाने के दिल्ली सरकार कोविड के कारण पैदा होने वाली स्थिति और कोविड से उबरने के बाद मरीजों को पेश आने वाली समस्याओं से निपटने को सुनश्चित करने के लिए अत्यधिक सक्रियता से काम करेगी।’’
अदालत ने कहा कि कोविड-19 के प्रतिदिन के मामलों की संख्या संक्रमण के चरम के दिनों की तुलना में काफी कम है।
पीठ ने कहा, ‘‘मौजूदा परिस्थितियों के आलोक में, हमारा मानना है कि याचिका ने अपना उद्देश्य पूरा कर लिया है और इसलिए हमें इसे और लंबित रखने की जरूरत नहीं है। ’’
हालांकि, अदालत ने कहा कि यदि भविष्य में कोई मुद्दा उठता है तो पक्षकार एक अर्जी के जरिए उस ओर ध्यान आकृष्ट कर सकते हैं।
इस टिप्पणी के साथ अदालत ने अधिवक्ता राकेश मल्होत्रा की याचिका का निस्तारण कर दिया, जो महामारी की शुरूआत के समय दायर की गई थी।
मल्होत्रा ने जनहित याचिका के जरिए दिल्ली में कोविड-19 जांच की संख्या बढ़ाने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया था।
भाषा
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माधव शाहिद
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