भोपाल रेल मंडल को एक बड़ी सौगात मिली है। रेल मंत्रालय ने भोपाल रेल मंडल को एक बड़ा आर्डर दिया है। अब देश में पहली बार मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के निशापुरा रेलवे कोच फैक्टरी में न्यू मॉडिफाइड गुड्स हाई स्पीड कोच (Multi Purpose New Modified Coach) बनाए जाएंगे। इन कोचों में वाहनों की ढुलाई का काम किया जाएगा। कोचों में कारो के साथ बाईक भी जा सकेंगी। खास बात यह है कि कोचों को कुछ इस तरह से तैयार किया जाएगा ताकि इन्हें मल्टी पर्पज इस्तेमाल किया जा सके। आपको बता दें कि रेल मंत्रालय ने भोपाल कोच फेक्टरी को 150 कोच बनाने का ऑर्डर दिया है।
आएगी 48 लाख लागत
रेल मंत्रालय ने कोच बनाने के लिए एक महीने का समय तय किया है। प्रति कोच की लागत करीब 48 लाख रूपये आ सकती है। बता दें कि इससे पहले कोच फेक्टरी में 50 एनएमजीएच कोच (Multi Purpose New Modified Coach) बनाए गए थे। जिनमें केवल चार पहिया वाहनों का परिवहन किया जा सकता था। लेकिन इस बार ऐसे कोच बनाए जा रहे है जिनमें कई प्रकार के समान का परिवहन किया जा सकेगा। पहले जो कोच बनाए गए थे उनका प्रदर्शन दिल्ली के प्रगति मैदान में किया गया था। तब ऑटो मोबाइल कंपनियों ने कोचों को खासा पसंद किया था। इसके अलावा कंपनियों ने दो पहिया वाहनों के परिवहन के लिए कोच बनाने की सलाह दी थी, इसके बाद अब ऐसे कोच तैयार किए जाने का फैसला किया है।
पुराने कोचों का होगा इस्तेमाल
खबरों के अनुसार निशातपुरा कोच फेक्टरी में बनाने वालें कोचों में चार पहिया वाहनों के लिए पीछे की ओर दी जाने वाले गेट के साथ दो पहिया वाहनों के लिए एंट्री बनाई जाएगी। जिसमें दो पहिया वाहनों का भी परिवहन किया जाएगा। एनएमजीएच बनाने के लिए 25 से 30 साल या उससे भी पुराने आईसीएफ टेक्नोलॉजी के कोचों का उपयोग किया जाएगा। खास बात तो यह है कि इस काम में बचत भी होगी। यानी 80 लाख में बनने वाले कोचों को 48 लाख में बनाया जाएगा। क्योंकि पुराने आईसीएफ कोच को नए सिरे से तैयार करने में अधिक से अधिक 80 लाख रुपए प्रति कोच खर्च आता है। लेकिन पुराने सामान का अधिकतम उपयोग कर 150 कोचों को एनएमजीएच (Multi Purpose New Modified Coach) में तब्दील करने के लिए करीब 48 लाख रुपए प्रति कोच अधिकतम खर्च किया जाएगा।