Success Story: हमारे समाज में कहा जाता है कि मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती। यह बात इंदौर शहर के अनुभव दुबे पर बिल्कुल सटीक बैठती है। वर्ष 2016 में जब अनुभव 23 साल के थे, तो उन्होंने उधार चाय पत्ती लाकर अपना चाय की दुकान का व्यवसाय चालू किया और तब उनको पता भी नही था कि जिस व्यवसाय को वे उधार की चाय पत्ती लाकर शुरू कर रहे हैं, वह कुछ ही वर्षों में 300 करोड़ रुपये सालाना टर्नओवर पर पहुंच जाएगा।
चाय सुट्टा बार के फाउंडर अनुभव दुबे इस समय 29 वर्ष के हो गए हैं और अभी तक अपने कारोबार को देश के ज्यादातर शहरों में पहुंचा चुके हैं। यही नहीं, इंदौर की चाय को अब वे दुनियाभर में पहचान दिलवा रहे हैं।
अनुभव से भरपूर है अनुभव की कहानी
अनुभव की कहानी अनुभवों से भरपूर है। शुरुआती कुछ वर्षों तक यह लड़का संघर्ष करता रहा, लेकिन उनके समर्पण ने उन्हें ऐसी जीत दिलाई कि आज वे लाखों युवाओं की प्रेरणा बन गए हैं। अनुभव का व्यवहार सौम्य है और वे व्यवसाय में व्यस्त रहने के बाद भी हर किसी के लिए समय निकाल ही लेते हैं। इस समय स्टार्टअप करने वाले लाखों युवा उन्हें अपने लिए एक माइलस्टोन मानते हैं।
व्यवसाय करने का तरीका है अलग
अनुभव का व्यवसाय करने का तरीका अन्य लोगों से कुछ अलग है। वे मानते हैं कि व्यवसाय केवल बातों के आधार पर नहीं किया जा सकता। इसके लिए पूरी तरह तथ्यों की जरूरत होती है। बिना डेटा के आप अपने व्यवसाय को सफल नहीं बना सकते है। मैंने भी अपने व्यवसाय को सफल बनाने के लिए डेटा का ही सहारा लिया तब सफल हुआ।
गुणवत्ता को दी प्राथमिकता
सफलता का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण बिंदु गुणवत्ता है। हमने चाय की गुणवत्ता से कभी किसी तरह का समझौता नहीं किया। एक बार हमारे आउटलेट पर आया ग्राहक दोबारा फिर लौटकर आए, इसका पूरा ध्यान मैंने रखा। यही हमारी सफलता का कारण है।
व्यवसाय में बनाया सकारात्मक माहौल
अनुभव से बात करने पर उन्होंने कहा कि किसी भी व्यवसाय में जब तक सकारात्मक माहौल नहीं होगा, तब तक साथ में काम करने वालों में उत्साह नहीं आ सकता है। चाय सुट्टा बार की टीम में अब करीब 2200 सदस्य काम कर रहे हैं। मैं अब भी टीम के सदस्यों के साथ समय बिताता हूं और उनकी व्यक्तिगत परेशानियों को भी दूर करने में मदद करता हूं।
मुझे लगता है कि अच्छा लीडर वह नहीं है जो सफल हो जाने के बाद अपने उन लोगों से दूरी बना ले, जिन्होंने उसे आज इस मुकाम पर खड़ा किया है। लीडर वह है जो हमेशा एक जैसा रहे।
हमेशा सीखने के मोड में रहते हैं अनुभव
दुबई, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों में हम अपना पैर फैला चुके हैं, लेकिन अब भी हम यह महसूस नहीं करवाते कि अब हम सबसे बड़े ब्रांड बन गए हैं। हम आज भी सीखने वाले मोड में रहते हैं। हमारे आउटलेट पर कई स्टार्टअप करने वाले युवा स्ट्रेटेजी जानने आते हैं। हम उन्हें वे सब बारीकियां बताते हैं जो एक व्यवसाय को सफल बनाने में जरूरी होती हैं। हमारी टीम का हर सदस्य हमारे लिए महत्वपूर्ण है।
काम करने वालो को मानते हैं परिवार का सदस्य
अब किसी भी आउटलेट पर मेरे होने या नहीं होने से कोई अंतर नहीं पड़ता है क्योंकि हमने एक ऐसी टीम कमा ली है, जो हर काम खुद मैनेज कर लेती है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मैं अपने साथ काम करने वाले सदस्यों को परिवार के सदस्य की तरह मानता हूं। कई सदस्यों को जब परेशानी आई, तो मैंने उन्हें छह महीने तक का एडवांस वेतन भी दिया। इससे उनकी समस्या हल हुई और अपनी टीम के प्रति विश्वास बढ़ा।
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