भोपाल।Zero Tolerance Policy. मध्यप्रदेश में जल्द ही जीरो टालरेंस पॉलिसी (Zero Tolerance Policy) लागू की जाएगी। इससे आयुष्मान में रजिस्ट्रेशन के लिए एनएबीएच सर्टिफिकेट जरूरी हो जाएगा। राजधानी भोपाल की बात करें तो फिलहाल सिर्फ 50 हॉस्पिटल के पास ही एनएबीएच सर्टिफिकेट है।
रुकेगी अस्पतालों की धांधली
आपको बता दें कि आयुष्मान योजना के तहत कई हॉस्पिटल फर्जी बिलों को लगाकर आयुष्मान कार्ड का पैसे ले लेते हैं। प्रदेश में इस तरह से क्लेम करने वाले कई मामले सामने आए थे। इसलिए ही जीरो टालरेंस पॉलिसी (Zero Tolerance Policy) लागू करने जरूरी है। बात करें राजधानी भोपाल की तो यहां करीब 250 निजी हॉस्पिटल हैं। इनमें से करीब 143 हॉस्पिटल आयुष्मान योजना के तहत इमपेनल्ड हैं।
अब फर्जी बिल लगाने वाले हॉस्पिटलों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू हो गई है।
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वसूली गई 18 करोड़ की पेनल्टी
फर्जी बिल लगाने वाले हॉस्पिटलों से अब तक 18 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला जा चुका है। नियमों के मुताबिक अगर कोई हॉस्पिटल गलत क्लेम करता है तो उस पर पहली बार में तीन गुना, दूसरी बार में छह गुना और तीसरी बार में डि-लिस्ट करने की कार्रवाई संबंधित हॉस्पिटल पर की जाएगी।
क्या बोलीं आयुष्मान भारत योजना की सीईओ
आयुष्मान भारत योजना की सीईओ का कहना है कि- “आयुष्मान योजना के तहत ट्रीटमेंट करने वाले हॉस्पिटल अगर गलत क्लेम करते है तो इसे ऑनलाइन साथ ही ऑफलाइन भी पेपर वर्क करवाया जा रहा है। इससे जीरो टालरेंस (प्रदेश में इस तरह से क्लेम करने वाले कई मामले सामने आए थे।) की तरफ हम बढ़ रहे हैं। अब तक गलत क्लेम करने वाले अस्पतालों से 18 करोड़ रुपए की पैनाल्टी हमने वसूली है”।
MP में 4.34 करोड़ आयुष्मान लाभार्थी
बात करें मध्यप्रदेश की तो राज्य में 4.34 करोड़ आयुष्मान के लाभार्थी है, इनमें से 3.73 करोड़ लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके है। वहीं एमपी में अब तक 25 लाख से ज्यादा लोगों को इस योजना के तहत इलाज मुहैया करवाया गया है। अब जीरो टालरेंस पॉलिसी (Zero Tolerance Policy) लागू होने से हॉस्पिटल की धांधली रुक जाएगी।
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