Z Morh tunnel: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को गांदरबल को लेह से जोड़ने वाली जेड मोड़ टनल का उद्घाटन किया। सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री इस सुरंग का उद्घाटन करने के लिए सोनमर्ग से पहले शुटकडी नामक स्थान पर पहुंचें। इस दौरान जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे।
#WATCH जम्मू-कश्मीर: सोनमर्ग में Z-Morh सुरंग का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरंग का निरीक्षण किया।
इस दौरान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद हैं।
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— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 13, 2025
यह सुरंग कश्मीर और लद्दाख के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा इस सुरंग से सेना और अन्य लोगों को भी काफी मदद मिलेगी। चूंकि इस सुरंग में सड़क Z आकार की है, इसलिए इसका नाम Z- Morh रखा गया है।
क्या है Z Morh tunnel की खासियत
- यह सुरंग 6.5 किमी लंबी है।
- समुद्र तल से 2,637 मीटर (8,652 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है।
- वाहन अधिकतम 80 किमी प्रति घंटे की गति से चलेंगे।
- प्रति घंटे 11,000 वाहनों की क्षमता
- इसकी लागत 24 अरब रुपये है।
- सुरंग के निर्माण में नई ऑस्ट्रियाई सुरंग निर्माण पद्धति का उपयोग किया गया है।
क्यों महत्वपूर्ण हैं सुरंग?
Z Morh tunnel एनएच 1 श्रीनगर-लेह राजमार्ग का एक हिस्सा है। यह सुरंग जम्मू और कश्मीर में गांदरबल, गगनगिरी और सोनमर्ग को जोड़ती है। इस परियोजना को क्षेत्रीय विकास और एकीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इससे सोनमर्ग को पर्यटन के लिए विकसित करने में मदद मिलेगी। इस सुरंग से पूरे साल सोनमर्ग की यात्रा आसान हो जाएगी। इससे भारतीय सेना के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों तक पहुंचना भी आसान हो जाएगा।
700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार हुआ टनल
लगभग 12 किलोमीटर लम्बी इस परियोजना का निर्माण 2,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया है। इसमें 6.4 किलोमीटर लंबी सोनमर्ग मुख्य सुरंग, निकास सुरंग और पहुंच मार्ग शामिल हैं।
समुद्र तल से 8,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह पुल सभी मौसमों में लेह के माध्यम से श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच संपर्क को बढ़ाएगा। इससे लद्दाख क्षेत्र तक सुरक्षित और निर्बाध पहुंच सुनिश्चित होगी।
जोजिला सुरंग के पूरा होने का इंतजार
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अब हम जोजिला सुरंग के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। इससे कुछ वर्षों में कनेक्टिविटी और अधिक बढ़ जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार, जोजिला सुरंग का निर्माण दिसंबर 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।
इस सुरंग का काम सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा 2012 में शुरू किया गया था। यह परियोजना टनलवे लिमिटेड को दी गई। बाद में इसे राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड ने अपने अधीन ले लिया।
CG Chherchhera Festival 2025: सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतीक छेरछेरा पुन्नी पर्व शुरू, जानें छत्तीसगढ़ी प्राचीन परंपरा
छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक परंपराओं के प्रतीक छेरछेरा पुन्नी पर्व की धूम शुरू हो गई है। रायपुर में उत्साह और उमंग के साथ त्यौहार मनाया जा रहा है। आज सुबह से ही बच्चे हाथ में थैला लेकर घर-घर पहुंच रहे हैं और ‘छेरछेरा, कोठी के धान ला हेरहेरा’ गाते हुए धान या चावल ले रहे हैं। ये पारंपरिक त्यौहार छत्तीसगढ़ की कृषि संस्कृति और आपसी सहयोग की भावना को दर्शाता है।
छेरछेरा पर्व के माध्यम से समाज (CG Chherchhera Festival 2025) में एकता और एक दूसरे को बांधे रखने, जुड़े रहने का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है। इसी के कारण हर साल इस पर्व को छत्तीसगढ़ में धूमधाम से मनाया जाता है। और एक दूसरे की मदद की मंशा के साथ दान देने की महिमा और उसके फल की संज्ञा को भी यह पर्व दर्शाता है। प्रदेश में इसकी धूम शुरू हो गई है। पढ़ें पूरी खबर