नई दिल्ली। 1 अक्टूबर से श्रम कानून के नियमों में बड़ा बदलाव हो सकता है। दरअसल, केंद्र सरकार 1 अक्टूबर से श्रम कानून के नियमों में बदलाव का मन बना रही है। यदि यह नियम लागू हो जाता है तो आपको अपने ऑफिस में ज्यादा वक्त देना होगा। क्योंकि इस कानून में 12 घंटे काम करने की बात कही गई है। यही नहीं इस कानून के लागू होने के बाद आपके इन हैंड सैलरी पर भी इसका असर पड़ेगा।
लेबर यूनियन कर ही है इसका विरोध
बतादें कि सरकार नये लेबर कोड के नियमों को 1 अप्रैल, 2021 से ही लागू करना चाहती थी। लेकिन तब राज्य इसके लिए तैयार नहीं थे। ऐसे में इसे 1 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया था। लेकिन अब लेबर मिनिस्ट्री इस लेबर कोड के नियमों को 1 अक्टूबर तक नोटिफाई करने का मन बना रही है। हालांकि, लेबर यूनियन इसके पक्ष में नहीं है। वो इस नियम का विरोध कर रही है। हालांकि, ड्राफ्ट में अच्छी ये है कि अब 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिना जाएगा और इसे ओवर टाइम में शामिल किया जाएगा। वर्तमान में 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम नहीं माना जाता है।
5 घंटे से ज्यादा लगातार काम नहीं करा सकते
ड्राफ्ट में दूसरी अच्छी बात यह है कि कंपनी किसी भी कर्माचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम नहीं करा सकती। कर्माचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधा घंटे का रेस्ट देना जरूरी होगा। जबकि इन हैंड सैलरी इस नियम के लागू होने के बाद घट जाएगी। क्योंकि नए ड्राफ्ट नियम के मुताबिक, मूल वेतन कुल वेतन का 50% या अधिक होना चाहिए। ऐसे में ज्यादातर कर्मचारियों के वेतन स्ट्रक्चर में बदलाव नजर आयेगा।
इन हैंड सैलरी घट जाएगी
बेसिक सैलरी बढ़ने से PF और ग्रेच्यूटी के लिए कटने वाला पैसा बढ़ जाएगा। अगर ऐसा होता है तो फिर आपको मिलने वाली इन हैंड सैलरी घट जाएगी, जबकि रिटायरमेंट के दौरान मिलने वाला PF और ग्रेच्यूटी का पैसा बढ़ जाएगा।