इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, लड्डू बनाने के लिए प्रतिदिन 10 टन बेसन, 10 टन चीनी, 700 किलो काजू, 150 किलो इलायची, 300-400 लीटर घी, 500 किलो मिश्री और 540 किलो किशमिश का उपयोग होता है।
पहले घी में बूंदी तैयार की जाती है, फिर इसमें मेवे, गुड़ का सीरा (tirupati laddu news) और ड्राई फ्रूट मिलाकर लड्डू बनाए जाते हैं।
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घर पर कर सकते हैं तैयार
अगर आप भगवान को चढ़ाए जाने वाले देसी घी के लड्डू घर पर बनाना चाहते हैं, तो बेसन के लड्डू एक बेहतरीन विकल्प हैं। मंदिर जैसा स्वाद पाने के लिए ड्राई फ्रूट्स की मात्रा थोड़ी अधिक रखें।
आवश्यक सामग्री:
2 कप बेसन, 1 कप देसी घी, 1 कप चीनी का बूरा, 10 काजू (कटा हुआ), 10 बादाम (कटी हुई), 1 टीस्पून किशमिश, 1 टीस्पून पिस्ता कतरन, 1 टीस्पून इलायची पाउडर
कैसे बनाएं
सबसे पहले, एक मोटे तले की कड़ाही में धीमी आंच पर घी गर्म करें।
घी पिघलने पर बेसन डालें और इसे अच्छी तरह मिलाएं। बेसन को 12-15 मिनट तक धीमी आंच पर भूनें, जब तक इसका रंग हल्का भूरा न हो जाए और भीनी खुशबू न आने लगे।
काजू और बादाम काटकर बेसन में डालें और अच्छी तरह मिक्स करें। फिर थोड़ा पानी छिड़कें, जिससे बेसन दानेदार हो जाए।
पानी सूखने तक बेसन को भूनें, फिर गैस बंद कर दें और बेसन को थाली में निकालें।
जब बेसन हल्का गर्म रह जाए, तब उसमें चीनी का बूरा और इलायची पाउडर मिलाएं।
मिश्रण को दोनों हाथों से दबाकर लड्डू बनाएं और हर लड्डू पर पिस्ता की कतरन चिपकाएं।
क्या है फेमस लड्डू का इतिहास ?
प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले इस लड्डू, जिसे पनयारम भी कहा जाता है, का इतिहास बहुत पुराना है। इसकी विशेषता यह है कि यह कई दिनों तक खराब नहीं होता।
इसकी कीमत भी श्रद्धालुओं की पहुंच में होती है, जिससे यहां आने वाला हर भक्त इसे लेना चाहता है। तिरुपति बालाजी में भगवान को चढ़ाए जाने वाले लड्डू हमेशा ताजे होते हैं। हर दिन करीब आठ लाख लड्डू तैयार किए जाते हैं।
इन लड्डुओं को बनाने के लिए मंदिर परिसर में एक विशेष स्थान निर्धारित है, और उन्हें तैयार करने वाले रसोइये भी विशिष्ट होते हैं। लड्डू बनाने की रसोईयां, जिन्हें ‘पोटू’ कहा जाता है, गुप्त रखी जाती हैं।
यहां के कारीगर आज भी लड्डू बनाने का 300 साल पुराना पारंपरिक तरीका ही अपनाते हैं। रसोई की साफ-सफाई पर खास ध्यान दिया जाता है, और वहां 600 से ज्यादा लोग काम करते हैं।
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